(‘फतवा’ अर्थात इस्लामी कानून अनुसार किसी सूत्र पर इस्लाम में मान्यता प्राप्त व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा दिया निर्णय ।)
पोरबंदर (गुजरात) – मुसलमानों को ध्वज फहराना चाहिए; परंतु राष्ट्रध्वज को सलाम न करें, राष्ट्रगीत न गाएं, ऐसा फतवा एक मौलाना हाफिज वसिफ रजा द्वारा निकाले जाने का समाचार हाल ही में प्रसारित हुआ था । उसका वीडियो साामजिक माध्यमों से प्रसारित हुआ है । इस वीडियो के प्रसारित होने पर मुसलमान समाज के कुछ युवकों ने रजा का विरोध किया । उनका कहना है कि ऐसा फतवा निकालना इस्लाम के विरोध में है । इस्लाम में कहा गया है कि ‘राष्ट्र से एकनिष्ठ रहना आवश्यक है ।’
‘तिरंगे को सलामी मत दो, राष्ट्रगान मत गाओ’: मौलाना के फतवा का विरोध करने वाले 3 मुस्लिम युवकों ने पी फिनाइल, कहा – किया जा रहा है प्रताड़ित#Gujarat #Fatwa #NationalFlaghttps://t.co/Br8tDC4m2T
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) August 12, 2023
१. मौलाना के वीडियो के उपरांत ‘नगीना मस्जिद, पोरबंदर’ एवं ‘दारूल उलूम गौशे आजम ट्रस्ट’ ने पुलिस में शिकायत प्रविष्ट की कि मौलाना के वीडियो के कारण अनेक लोगों ने मारने-पीटने एवं मार डालने की धमकी तक दी है ।
२. कुछ मुसलमान युवकों ने कहा, ‘मौलाना का फतवा गलत है । उनका आदेश अयोग्य है ।’ युवकों ने आरोप किया कि उन्होंने मौलाना का विरोध किया; इसलिए मुसलमान समुदाय के कुछ लोग उन्हें कष्ट दे रहे हैं । इसके साथ ही उन्हें समाज से तडीपार करने का प्रयत्न भी शुरू है ।
३. ‘नगीना मस्जिद, पोरबंदर’ एवं ‘दारूल उलूम गौशे आजम ट्रस्ट’ की शिकायत के उपरांत शकली कादरी, सोहेल इब्राहिम एवं इम्तियाज हारून ने सामाजिक माध्यमों पर व्यथा प्रस्तुत करते हुए ‘फिनाईल’ प्राशन किया ।
४. पोरबंदर के पुलिस अधीक्षक भगीरथ सिंह ने कहा कि इस प्रकरण में अगला अन्वेषण शुरू हो गया है ।
संपादकीय भूमिकाहमेशा ही अपना अलग अस्तित्व संजोने के लिए राष्ट्रविघातक कृत्य करनेवाले बहुतांश मुसलमान ! मुसलमानों की राष्ट्रनिष्ठा पर कोई शंका व्यक्त करता है तो निधर्मीवादी आगबबूला हो जाते हैं । अब उन्हें इस फतवे के विषय में क्या कहना है ? |