मंदिरों पर लगाया गया ‘जजिया कर’ !

मंदिरों से बिहार सरकार अब ४ प्रतिशत ‘कर’ वसूल करनेवाली है, यह संपूर्ण देश के हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक है । हिन्दुओं के इतिहास में अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ था ।

प्रदूषण पर उपाय !

प्रदूषण पर पूरी मात करने के लिए डेढ-दो शतक पहले जैसी स्थिति थी, कम से कम वैसी स्थिति अब निर्माण करनी चाहिए । वह अब संभव नहीं; परंतु उस दिशा में प्रयास करना चाहिए ।

‘स्टैलिन’ सरकार की थोथी बातें एवं हिन्दुओं के कर्तव्य !

मद्रास उच्च न्यायालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ‘मंदिर का स्वर्ण पिघलाने संबंधी निर्णय लेने का अधिकार केवल विश्वस्तों को है ।’ इस पर राज्य सरकार ने न्यायालय को लिखित आश्वासन दिया है कि ‘विश्वस्त की नियुक्ति की जाएगी ।’

अभिव्यक्ति की तुलना में धार्मिकता महत्त्वपूर्ण !

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में कहा कि ‘धार्मिक भावना, प्रतीक, श्रद्धाकेंद्रों का सम्मान करना आवश्यक है, वहां अभिव्यक्ति स्वतंत्रता लागू नहीं होती ।’

हिन्दूद्वेषियों का वैचारिक उच्चाटन !

हिन्दूद्वेषियों द्वारा हिन्दुओं के विरोध में विषवमन करने के उपरांत हिन्दू-संगठन अधिक बलवान होने के लिए अब हिन्दुओं को अपना पद, पक्ष, संप्रदाय, संगठन आदि को एक ओर रखते हैं और हिन्दू-संगठन की व्याप्ति वृद्धिंगत करते हुए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए कटिबद्ध होते हैं !

अमेरिका का युद्ध समाप्त; भारत का आरंभ !

अफगानिस्तान में तालिबानी अर्थात जिहादी राज्य लागू हुआ है । वर्तमान काल में अफगानिस्तान का प्रत्येक घटनाक्रम भारत की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है; क्योंकि उसका सीधा परिणाम भारत पर होगा ।

‘गजवा-ए-हिन्द’ की दिशा में मार्गक्रमण?

अफगानिस्तान में हो रही गतिविधियां ‘गजवा-ए-हिन्द’ की संभावना की ओर संकेत कर रही हैं । यदि ऐसा नहीं होने देना है, तो भारत के हिन्दुओं को संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना अपरिहार्य है, यह ध्यान में रखें !

खूनी कांग्रेस को दंड दें !

प्रसिद्ध लेखक और इतिहासकार विक्रम संपत द्वारा प्रसिद्ध अंग्रेजी समाचार वाहिनी ‘टाइम्स नाऊ’ पर पत्रकार नाविका कुमार से की गई चर्चा में वीर सावरकर के विषय में, साथ ही गांधीहत्या के उपरांत महाराष्ट्र में किए गए ब्राह्मण विरोधी दंगो की जानकारी भी दी गई ।

अभिनंदनीय निर्णय !

उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का प्रारूप तैयार किया है और उस पर जनता के मत मांगे हैं ।

आसमानी जिहाद !

कश्मीर में जिहादी आतंकवादियों का विनाश किया जा रहा है, ऐसा कहा जाता है । प्रतिवर्ष २०० आतंकवादी मारे जाते हैं ।