अभिनंदनीय निर्णय !

     उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का प्रारूप तैयार किया है और उस पर जनता के मत मांगे हैं । इस कानून के अनुसार १ संतान होनेवालों को विशेष सुविधा मिलेगी, जबकि २ से अधिक बच्चोंवाले सरकारी योजनाआें का लाभ नहीं ले पाएंगे, चुनाव नहीं लड पाएंगे और पदोन्नति नहीं मिलेगी । २ बच्चों के उपरांत नसबंदी करनेवालों को घर खरीदने के लिए अल्प ब्याज दर में ऋण दिया जाएगा । इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अत्यंत साहसी निर्णय कहना पडेगा । देश की जनसंख्या ने १२५ करोड का आंकडा पार कर लिया है । जनसंख्या में कुछ वर्षों में हम चीन को भी पीछे छोड देंगे, ऐसी परिस्थिति है । ऐसा होते हुए भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए कदम उठाना आवश्यक हो गया है । समय-समय पर देश में विविध घटकों से जनसंख्या नियंत्रण के लिए समाधान योजना करने की मांग की जाती है; परंतु उस ओर उतनी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जाता । ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए इस निर्णय को अभिनंदनीय ही कहना होगा ! उनके इस प्रस्तावित कानून के कारण निश्‍चित ही उनका प्रखर विरोध होनेवाला है; परंतु उन्हें उसकी चिंता नहीं ! ऐसा प्रारूप तैयार कर जनसंख्या नियंत्रण के लिए ठोस समाधान योजना करनेवाला उत्तर प्रदेश देश में पहला राज्य बन गया है ।

कुशल नेतृत्व !

     मुख्यमंत्री बनने के उपरांत योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली भी सदैव सुदृढ रही है । योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री होने से पूर्व उत्तर प्रदेश में अराजक स्थिति थी । हत्या, अपहरण, लव जिहाद, हिन्दू-मुसलमानों में दंगे तो यहां नित्य ही होते थे । स्थानीय गुंडों का प्रभाव बढा हुआ था । ऐसे में वहां की स्थिति संभालना एक कठिन परीक्षा ही थी । योगीजी ने प्रथम स्थानीय लोगों के सिरदर्द बने गुंडों का भय दूर करना प्रारंभ किया । उससे पूर्व पुलिस दल के अकार्यक्षम १०० से भी अधिक पुलिसकर्मियों को घर का रास्ता दिखाया । पुलिस दल की स्वच्छता के उपरांत नए पुलिसकर्मियों को गुंडों का भय दूर करने के लिए सीधे गोलियां चलाने का आदेश दिया । इससे पुलिस का मनोबल बढा और अनेक गुंडे मुठभेड में मारे गए । इस अवसर पर सदा की भांति मानवाधिकारवाले अनावश्यक परामर्श देने लगे, इसके साथ ही गुंडों को न मारने की सूचना देकर कार्यवाही में अडचनें निर्माण करने का प्रयत्न किया; परंतु योगीजी ने इन सबकी उपेक्षा कर कार्यवाही जारी ही रखी । उन्होंने मानवाधिकारवालों से प्रश्‍न किया, ‘गुंडों को मारना नहीं चाहिए, तो क्या उनकी पूजा करनी चाहिए ?’ ‘लव जिहाद’ द्वारा धर्मपरिवर्तन कर हिन्दुआें की बेटियों का जीवन उद्ध्वस्त किया जाता है । अधिक संख्या में ये प्रकरण होते हैं, यह ध्यान में आते ही योगीजी ने लव जिहाद पर प्रतिबंध लगानेवाला धर्मांतर विरोधी कानून बनाया । इस कानून का भी बहुत विरोध हुआ; परंतु योगीजी ने उसे कर दिखाया ।

दंगाइयों एवं अपराधियों को सबक !

     दंगों के लिए उत्तर प्रदेश कुख्यात (बदनाम) था । नागरिकता सुधार कानून (सीएए) एवं राष्ट्रीय नागरिकता पंजीयन (एनआरसी) ये कानून लागू करने का निर्णय होने पर उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर जैसे बडे शहरों में दंगे हुए, सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को आग लगाई गई । तब योगी ने चेतावनी दी कि ‘दंगाइयों पर कठोर कार्यवाही तो की ही जाएगी; इसके साथ ही उनकी संपत्ति भी जप्त होगी’ और पुलिस को शीघ्र दंगे रोकने का आदेश दिया । उन्होंने दृढता से कहा कि ‘इस कानून से स्पष्ट है कि किसी भी स्थानीय मुसलमान को बाहर नहीं निकाला जाएगा; परंतु जिन्हें बिना कानून समझे केवल अशांति फैलानी है, उन्हें कानून कैसे समझाना है, यह हमें भली-भांति आता है ।’

     उत्तर प्रदेश के चौराहों पर उन्होंने दंगे एवं हत्या करनेवाले अपराधियों के छायाचित्र लगाए । उन पर कठोर कानूनी धारा प्रविष्ट की । इसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में योगीजी की इस कृति के विरुद्ध निर्णय घोषित होने पर, वे सर्वोच्च न्यायालय गए; परंतु वे अपने निर्णय पर डटे रहे । योगीजी द्वारा तैयार किए गए कानून का प्रारूप कुछ अंश में समान नागरिक कानून से मिलता-जुलता है । इससे बहुपत्नियां और अनेक बच्चों को जन्म देनेवाली प्रवृत्तियों पर निश्‍चित ही अंकुश लगेगा ।

     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक मठ के मठाधीश भी हैं । वे जनता की समस्या सुलझाने के लिए पहले जनता दरबार लगाते थे, जिसमें हिन्दुआें की तुलना में मुस्लिम धर्म की स्त्रियां ही अधिक संख्या में आती थीं । योगीजी उनकी समस्याआें का निराकरण करते थे । योगीजी पर यह उनका दर्शाया विश्‍वास ही है जो सर्वधर्मसमभाव की खोखली बातें करते हैं और केवल मुसलमानों की चापलूसी करते हैं, उसकी तुलना में प्रखर हिन्दुुत्व का तेज धारण करने के उपरांत भी सभी की सहायता करनेवाले योगीजी ही सभी को अपने लगते हैं, इसमें कोई शंका नहीं ।

     ‘मैं कट्टर हिन्दू होने से नमाज पढने के लिए उपस्थित नहीं रह सकता’, ऐसा केवल योगीजी ही कह सकते हैं । हिन्दू देवी-देवता और धर्म का अपमान करनेवाले लेख ट्विटर पर रखने के संदर्भ में ट्विटर के विरुद्ध प्रथम अपराध उत्तर प्रदेश में ही प्रविष्ट हुआ था । केंद्रीय स्तर पर तब केवल ट्विटर पर कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई थी । ‘अपराधी कितना भी बडा हो, हिन्दू धर्म, राष्ट्र, जनता का हित ध्यान में रख निर्णय देते समय कोई भी उपेक्षा (लापरवाही) सहन नहीं की जाएगी’, ट्विटर पर की गई कार्यवाही के समय योगीजी ने ऐसा कठोर संदेश दिया । योगीजी की यह कार्यशैली अनुकरणीय और आदर्श है । आदर्श शासनकर्ता कैसे होने चाहिए, योगीजी अपनी कृति से यह मापदंड बता रहे हैं । योगीजी से प्रेरणा लेकर देश स्तर पर समान नागरिक कानून होना चाहिए और उसकी कार्यवाही भी तत्परता से हो, ऐसी अपेक्षा है ।