ग्रन्थमाला ‘देवताओं की उपासना’
नवरात्रि में घटस्थापना करने का क्या महत्त्व है ?, कुमकुमार्चन का शास्त्रोक्त आधार क्या है ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये लघुग्रन्थ “देवीपूजन से सम्बन्धित कृत्योंका अध्यात्मशास्त्र”
नवरात्रि में घटस्थापना करने का क्या महत्त्व है ?, कुमकुमार्चन का शास्त्रोक्त आधार क्या है ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये लघुग्रन्थ “देवीपूजन से सम्बन्धित कृत्योंका अध्यात्मशास्त्र”
श्राद्ध से पूर्वजों को गति मिलने की प्रक्रिया क्या है ? श्राद्ध द्वारा हमारी पितृदोष से रक्षा कैसे होती है ? ऐसे प्रश्नोंके उत्तर जानकर लेने के लिए पढिए ग्रंथ ‘श्राद्धका महत्त्व एवं अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन’
श्रीकृष्ण के विविध नाम और उनका अर्थ, श्रीकृष्ण की गुण-विशेषताएं और कार्य इस संदर्भ मे पढिये ‘श्रीकृष्ण (लघुग्रन्थ)’ में
बिन्दुदाब उपचार : शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक कष्टों पर उपाय ‘सूचीदाब’ (एक्यूप्रेशर)
कर्म, भक्ति तथा ज्ञानयोग का त्रिवेणी संगम ‘गुरुकृपायोग’, ईश्वरप्राप्ति का सरल मार्ग है । प्रस्तुत ग्रंथ में गुरुकृपायोग का महत्त्व, अन्य योगमार्गाें की तुलना में इस योगमार्ग से होनेवाली शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति ऐसे विविध अंगों के विषय में मार्गदर्शन किया गया है
हिन्दू धर्म की निर्मिति किसने और कब की ? हिन्दू धर्म का महत्त्व क्या है तथा ‘हिन्दू’ किसे कहें ? इन प्रश्नोंके उत्तर पढिये “धर्मका मूलभूत विवेचन” इस ग्रंथ में
प्रस्तुत खण्ड में परात्पर गुरु डॉक्टरजी की अभ्यासवर्गाें में सिखाने की अलौकिक पद्धति, परात्पर गुरु डॉक्टरजी द्वारा अभ्यासवर्गाें में आनेवाले साधकों को चूकों का भान कराकर साधकों को साधना में आगे ले जाना इत्यादि के विषय में साधकों द्वारा कृतज्ञभाव से लिखकर दिए अनेक सूत्र समाविष्ट हैं ।
हलाल प्रमाणपत्र पर आधारित एक इस्लामी अर्थव्यवस्था निर्माण करने के षड्यंत्र का विरोध करना, हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य ही है !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी की सीख समझने में सरल, जीवन के छोटे-बडे उदाहरणों के माध्यम से अध्यात्म सिखानेवाली एवं कृति के स्तर पर साधना संबंधी मार्गदर्शन करती है ।
धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के कारण हो रही भारत की अधोगति रोकने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ की आवश्यकता प्रतिपादित करनेवाला एवं धर्माधिष्ठित राज्यव्यवस्था का महत्त्व विशद करनेवाला ग्रंथ – ‘हिन्दू राष्ट्र क्यों आवश्यक है ?’