‘पुष्पा’ और ‘भौकाल’ इन चित्रपटों की गुनहगारी कहानी के प्रभाव के कारण अवयस्क लडकों द्वारा युवक की हत्या !
चित्रपटों की नकारात्मक कहानी का छोटे बच्चों पर परिणाम होता है, यह घटना यही स्पष्ट करती है । इस कारण ऐसे चित्रपटों को केंद्रीय चित्रपट सेंसर बोर्ड को प्रमाणपत्र नहीं देना चाहिए और समाज को भी ऐसे चित्रपटों का संवैधानिक मार्ग से विरोध करना चाहिए !