बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में एम.ए.के लिए देश के पहला ‘हिन्दू पाठ्यक्रम’ प्रारंभ !

  • स्वतंत्रता के ७४ वर्षों बाद हिन्दूबाहुल्य भारत में इस प्रकार का पाठ्यक्रम और वह भी एक विश्वविद्यालय में प्रारंभ होना, यह अभी तक की सभी पार्टियों की सरकार के लिए लज्जास्पद ! – संपादक

  • केंद्र सरकार इस ओर गंभीरता से देखते हुए देश के प्रत्येक विश्वविद्यालय में, साथ ही प्राथमिक पाठशालाओं से हिन्दुओं को धर्म विषयक शिक्षा देने के लिए तत्परता से प्रयास करने चाहिएं, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है ! – संपादक

वाराणसी (उत्तरप्रदेश) – बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में एम.ए. के लिए ‘हिन्दू पाठ्यक्रम’ यह नया पाठ्यक्रम चालू किया गया है । देश में इस प्रकार का पहला पदव्युत्तर पाठ्यक्रम है । बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय कुमार शुक्ला ने इस पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया । इस पाठ्यक्रम को ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, २०२०’ के अनुसार तैयार किया गया है । कला विभाग के अंतर्गत यह पाठ्यक्रम आएगा । दर्शनशास्त्र और धर्म विभाग, संस्कृत विभाग और प्राचीन भारतीय इतिहास, साथ ही संस्कृति और पुरातत्व विभाग के सहयोग से यह पाठ्यक्रम बनाया गया है ।

कुलपति डॉ. विजय कुमार शुक्ला ने कहा कि, यह पाठ्यक्रम विश्व में हिन्दू धर्म के अज्ञात पहलुओं की जानकारी और शिक्षा देने वाला है । इसके पहले बैच में ४५ विद्यार्थी सहभागी होने वाले हैं । इसमें कुछ विदेशी विद्यार्थी भी हैं । (कल यही विद्यार्थी भारतीय हिन्दू विद्यार्थियों को हिन्दू धर्म की शिक्षा देंगे तो इसमें आश्चर्य न लगे ! – संपादक)