मध्य प्रदेश पुलिस का बधाई पात्र निर्णय ! देश के हर विभाग में स्थानीय भाषा के साथ-साथ हिंदी भाषा का भी प्रयोग होना चाहिए ! यद्यपि भारत मुगलों और अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हो चुका है, फिर भी भाषाई गुलामी अभी भी चल रही है । इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है, क्योंकि, हिन्दू राष्ट्र में सर्वत्र शुद्ध भाषा का प्रयोग होना चाहिए ! – संपादक
भोपाल (मध्य प्रदेश) – मध्य प्रदेश में पुलिस ने उर्दू, फारसी और अन्य भाषाओं के गैर-हिंदी शब्दों के प्रयोग को रोकने का प्रयत्न प्रारंभ किया है । राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पिछले माह पुलिस को यह निर्देश दिया था ।
१. मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने एक सूचना पत्र प्रकाशित कर राज्य के सभी जिला पुलिस अधिकारियों को अगले ७ दिनों में गैर-हिंदी शब्दों के वैकल्पिक हिंदी शब्दों के प्रयोग संबंधी सूचना मुख्यालय को देने का निर्देश दिया है ।
२. इसमें कहा गया है, कि पुलिस के लिए हिंदी शब्दकोश निर्माण किया जा रहा है । पुलिस के दैनिक कार्यों में अन्य भाषाओं के शब्दों के लिए हिन्दी में वैकल्पिक शब्दों का प्रयोग करने का प्रयास किया जायेगा । यह शब्दकोश २०० से अधिक गैर-हिंदी शब्दों के लिए वैकल्पिक हिंदी शब्द निर्माण करेगा । पुलिस कार्य में इन शब्दों का प्रयोग नियमित रूप से होगा । उदाहरण के लिए, ‘हलफ नामा’ के स्थान पर ‘शपथ पत्र’ जैसे वैकल्पिक शब्दों का प्रयोग किया जाएगा ।