Gyanvapi Case : ज्ञानवापी में खुदाई कर अधिक प्रमाण जुटाने हेतु हिन्दू पक्ष न्यायालय से अनुरोध करेगा !
ज्ञानवापी के संबंध में सच्चाई क्या है, इसे वैज्ञानिकदृष्टि से सिद्ध करना ही हमारा उद्देश्य है, ऐसा हिन्दू पक्ष का कहना है ।
ज्ञानवापी के संबंध में सच्चाई क्या है, इसे वैज्ञानिकदृष्टि से सिद्ध करना ही हमारा उद्देश्य है, ऐसा हिन्दू पक्ष का कहना है ।
संपूर्ण परिसर हिन्दुओं को सौंपने के लिए कानून बनाए । अयोध्या के समान यहां भी मंदिर बने और पूजा प्रारंभ हो ।
न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा किए बिना मुस्लिमों को स्वयं ही ज्ञानवापी मस्जिद हिन्दुओं को सौंप देनी चाहिए एवं धर्मनिरपेक्षता, निधर्मीवाद, सर्वधर्मसमभाव दिखाना चाहिए !
मंदिर की ऊपरी मंजिल पर बाकी २ मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी, ऐसा न्यास ने कहा है । इन मूर्तियों के छायाचित्र प्रसारित किए गए हैं ।
जिन भक्तों ने यह दृश्य देखा वे स्वयं को भाग्यवान समझ रहे हैं । ‘हमारे लिए यह भाग्य का क्षण था कि, हमने राम की मूर्ति और हनुमान के दर्शन किए’, ऐसा वह कह रहे थे ।
एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ‘लिव इन रिलेशनशिप’ की ओर ध्यान आकर्षित किया है। न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने कहा कि भारत कोई पश्चिमी देश नहीं है जहां ‘लिव इन’ सामान्य संस्कार होता है। भारत के लोगों को अपनी संस्कृति और परंपराओं पर गर्व होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए इस प्रकार की घटना न हो, ऐसा हिन्दुओं को लगता है !
१८ दिसंबर २०२३ को पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस संबंध में एक रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी । ज्ञानवापी का १०० दिन से अधिक समय तक सर्वेक्षण किया गया । इसके लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों की भी सहायता ली गई ।
प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण का हिन्दुओं का स्वप्न साढ़े पांच सौ वर्षों के पश्चात २२ जनवरी को साकार हुआ । उसके पश्चात २३ जनवरी से मंदिर सब भक्तों के लिए खोल दिया गया है ।
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