वाराणसी (उत्तरप्रदेश) – ज्ञानवापी परिसर में खुदाई कर प्रमाण जुटाने हेतु सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया जाएगा, ऐसा हिन्दू पक्ष की ओर से कहा गया है । ज्ञानवापी की वर्तमान संरचना को किसी प्रकार से क्षति न पहुंचे, इस पद्धति से यह खुदाई की जाएगी । ज्ञानवापी के संबंध में सच्चाई क्या है, इसे वैज्ञानिकदृष्टि से सिद्ध करना ही हमारा उद्देश्य है, ऐसा हिन्दू पक्ष का कहना है । इससे पूर्व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा आधुनिक यंत्रों की सहायता किए गए सर्वेक्षण में इस स्थान पर पहले बहुत बडा मंदिर होने की बात सामने आई है । अब यहां की भूमि के नीचे खुदाई कर अधिक प्रमाण जुटाने हेतु हिन्दू पक्ष ने उक्त मांग की है ।
Hindu party to request the court to gather more evidence by carrying out excavation in #Gyanvapi !
ज्ञानवापी ।वाराणसी #GyanvapiCase#GyanvapiASIReport pic.twitter.com/cQYTmZi3O4
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 28, 2024
सर्वेक्षण में ५५ मूर्तियां तथा ९३ सिक्के मिले !
इस सर्वेक्षण में भारतीय पुरातत्व विभाग को ५५ मूर्तियां मिली । ज्ञानवापी की दीवार सहित अनेक स्थानों पर कुल १५ शिवलिंग तथा विभिन्न काल के ९३ सिक्के मिले हैं । इसमें पत्थर की मूर्तिसहित विभिन्न धातुओं तथा टेराकोटासहित घरेलु उपयोग की २५९ वस्तुएं मिली । यहां रामनाम लिखा हुआ एक पत्थर भी मिला है । मुख्य गुंबज के नीचे मूल्यवान पाचू के आकारवाला टूटा हुआ मूल्यवान धातु भी मिला है । प्रौद्योगिकी का उपयोग कर की गई जांच में मिले कुछ अवशेष २ सहस्र वर्ष प्राचीन हैं, ऐसा दिखाई दिया है ।
सर्वेक्षण दल में २ मुसलमान विशेषज्ञों का भी था समावेश !
ज्ञानवापी का सर्वेक्षण करनेवाले भारतीय पुरातत्व विभाग के दल में डॉ. इजहार आलम हाश्मी एवं डॉ. आफताब हुसैन इन २ मुसलमान विशेषज्ञों का भी समावेश था । सर्वेक्षण के उपरांत उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए ब्योरे में यह उल्लेख किया गया है कि वैज्ञानिक अध्ययन, सर्वेक्षण, वास्तुशिल्प, अवशेषों का अध्ययन, कलाकृतियों, शिलापटों तथा मूर्तियों का सर्वेक्षण किए जाने के उपरांत पहले इस स्थान पर विशाल मंदिर होने की बात स्पष्ट हो रही है ।