बंट्वाल (कर्नाटक) के एक मंदिर में चप्पल पहन कर प्रवेश करने के आरोप में चार धर्मांध बंदी !
मूर्ति पूजा का विरोध करने वाले लोग, हिन्दू मंदिरों में धर्मनिरपेक्षता के कारण नहीं आते ; अपितु, हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने आते हैं ! ऐसी घटनाओं पर निधर्मतावादी व आधुनिकतावादी चुप क्यों हैं ?