पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोलकाता उच्च न्यायालय में पुन: याचिका प्रविष्ट करेंगे – चित्रपट निर्मित्री रोशनी अली

रोशनी अली  की याचिका पर ही कोलकाता उच्च न्यायालय ने लिया था पटाखे जलाने पर प्रतिबंध का निर्णय !

  • हिन्दुओं के त्योहारों पर पर्यावरण के नाम पर न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करने वाले धर्मांध अपने धर्म के उत्सव के समय होने वाले प्रदूषण के समय चुप क्यों बैठते हैं ? इससे इनका हिन्दू द्वेष ही स्पष्ट होता है, यह धर्मनिरपेक्षता का गुणगान करने वाले हिन्दुओं को कब समझ में आएगा ?- संपादक
  • उसी उसी सूत्रों पर न्यायालय का अमूल्य समय लेने वालों पर सरकार को कार्यवाही ही करनी चाहिए, ऐसा जनता को लगता है !- संपादक
कोलकाता उच्च न्यायालय

कोलकाता (बंगाल) – चित्रपट निर्मित्री रोशनी अली को दीपावली और श्री महाकाली देवी की पूजा के समय पटाखे जलाने पर राज्य में प्रतिबंध लगाना चाहिए, इसके लिए पुन: कोलकाता उच्च न्यायालय में उन्होंने याचिका प्रविष्ट  की,ऐसा बताया जा रहा है । इसके पहले उनके द्वारा की गई याचिका पर निर्णय देते समय कोलकाता उच्च न्यायालय ने बंगाल में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया था । इसके बाद इस निर्णय को पटाखा उत्पादकों की ओर से चुनौती देने पर उच्चतम न्यायालय ने यह प्रतिबंध रहित किया था ।

उच्चतम न्यायालय ने प्रतिबंध रहित करने के बाद अली ने कहा कि, मेरी लडाई अभी समाप्त नहीं हुई है । मैं अभी भी अपने श्वास लेने के अधिकार के लिए लडूंगी । यह केवल पर्यावरण के लिए नहीं, तो अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए है । (इसी अनुसार रोशन अली मस्जिदों पर भोंपुओं द्वारा दी जाने वाली अजान से ध्वनि प्रदूषण होता है, ऐसा बताकर भोंपुओं द्वारा अजान देने पर प्रतिबंध लगाने की याचिका प्रविष्ट करेंगी क्या ? – संपादक)