चंद्रयान-३’ने चंद्रमा की भूमि का मापा तापमान !

‘विक्रम’ लैंडर पर बिठाए गए चंद्रमा की भूमि का तापमान मापने के यंत्र ‘चैस्‍टी’ ने मापे तापमान के अनुसार भूमि से ८ सें.मी. गहराई में जाने पर -१० तथा भूमि के २ सें.मी. ऊपर ५० डिग्री सेल्‍सियस तापमान दिखाया गया है ।

पहले की सरकारों का ‘इसरो’ पर विश्‍वास नहीं था ! – पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन

पहले की सरकारों का ‘भारतीय अंतरिक्ष संशोधन संगठन’ पर (‘इसरो’ पर) विश्‍वास नहीं था, ऐसा दावा ‘इसरो’ के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने किया है । नंबी नारायणन के साक्षात्‍कार का एक वीडिओ प्रसारित हुआ है ।

२१ वें शतक में भारत ही विश्व की बडी समस्याओं का समाधान करेगा ! – प्रधानमंत्री

इसरो के वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते समय प्रधानमंत्री मोदीजी भावुक हुए !

२३ अगस्त को मनाया जाएगा ‘राष्ट्रीय अंतराल दिन’ ! – प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी का इस्रो के वैज्ञानिकों से संवाद !

‘इसरो’ अब मंगल एवं शुक्र ग्रहों पर भी यान उतारेगा  ! – ‘इसरो’ के प्रमुख एस. सोमनाथ

उन्होंने चंद्रयान – ३ के सफल अभियान पर प्रसन्नता दर्शाते हुए इसकी सफलता का श्रेय वैज्ञानिकों को दिया ।

सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो अगले माह ‘आदित्य एल १’ को अंतरिक्ष में भेजेगा !

सूर्य का अध्ययन करनेवाले ‘इसरो’ का यह पहला ही अभियान (मिशन) है । इस अभियान पर ३७८ करोड रुपए व्यय किए जाएंगे । इस अभियान की अवधि ५ वर्ष है ।

२३ अगस्त के दिन ६.०४ पर ‘लैंडर विक्रम’ चंद्रमा पर उतरेगा !

नियंत्रण कक्ष से आदेश मिलने के उपरांत रोवर प्रज्ञान चंद्रमा के पृष्ठ भाग पर दौडेगा । इस समय उसके पहिए चंद्रमा की मिट्टी पर भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ और इसरो के लोगों की छाप छोडेंगे ।

‘चंद्रयान-३’ का ‘लैंडर विक्रम’ चंद्रमा से केवल २५ किलोमीटर की दूरी पर !

‘चंद्रयान-३ ’के ‘लैंडर विक्रम’ अब चंद्रमा से केवल २५ किलोमीटर की दूरी पर परिक्रमा कर रहा है । २३ अगस्त सायंकाल ५.४७ को वह चंद्रमा पर उतरेगा । दो दिन पूर्व लैंडर विक्रम ने अपनी गति कुछ मात्रा में धीमी की थी ।

सांस्कृतिक शक्ति एवं क्षमता के बल पर भारत विश्व के लिए आशा की किरण बनने में सक्षम !

भारत विश्व को ज्ञान, शुद्धता, समृद्धि एवं समर्पण सिखाने में सक्षम है ।  हम सूर्य की पूजा करते हैं, इसलिए हमारे देश को ‘भारत’ के नाम से संबोधित किया जाता है ।