बेंगलुरू (कर्नाटक) – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था (इसरो) सूर्य एवं उसके आसपास के वातावरण का अध्ययन करने के लिए सितंबर माह में ‘आदित्य एल १’ अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में भेजेगा । सूर्य का अध्ययन करनेवाले ‘इसरो’ का यह पहला ही अभियान (मिशन) है । इस अभियान पर ३७८ करोड रुपए व्यय किए जाएंगे । इस अभियान की अवधि ५ वर्ष है ।
चांद के बाद अब सूरज की पहेली सुलझाने की बारी, #ISRO ने शुरू की तैयारी#Chandrayaan3Success
https://t.co/x02TcOUcT4— AajTak (@aajtak) August 24, 2023
१. ‘आदित्य एल १’ यान पृथ्वी एवं सूर्य के मध्य ‘लोअर अर्थ आर्बिट’ तक ले जाया जाएगा । (लोअर अर्थ आर्बिट अर्थात संबंधित ग्रह से निकटतम अंतर । इसकी परिधि १६० कि.मी. से २ सहस्र कि.मी. जितनी होती है ।) यह अंतर पृथ्वी से १५ लाख कि.मी. दूर है । इस स्थान से सूर्य पर आने वाली बाधाओं का निर्विघ्न अध्ययन करना संभव हो सकेगा । वहां से पृथ्वी पर भेजे गए संदेश भी अल्पावधि में पहुंच पाएंगे ।
२. इस यान द्वारा सूर्य पर हो रही गतिविधियों के कारण वातावरण में निर्मित उष्णता एवं ज्वालाओं का निरीक्षण किया जा सकेगा । साथ ही सौर-तूफान एवं सौर-विस्फोट से निर्मित ज्वालाओं की प्रक्रिया का अनुसंधान किया जाएगा । सौर वायु की उत्पत्ति, उसके घटक एवं अंतरिक्ष में वायुमंडल को प्रभावित करने वाली अन्य गतिविधियों का भी अध्ययन किया जाएगा ।