बेंगलुरु (कर्नाटक) – भारत के ‘चंद्रयान-३’ का ‘लैंडर विक्रम’ कल २३ अगस्त के दिन शाम ६.०४ बजे चंद्रमा पर उतरने वाला है । शाम ५.४७ बजे से उसकी चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया चालू होने वाली है । इस संपूर्ण कालावधि को ‘फिफ्टीन मिनट्स ऑफ टेरर’ (दहशत के १५ मिनट) ऐसा कहते हैं । यदि लैंडर चंद्रमा पर उतरने में सफल हुआ, तो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला भारत विश्व का पहला देश होगा ।
Chandrayaan 3 : चांद्रयान मोहीमेसाठी आजचाच दिवस का निवडला? ज्योतिषशास्त्राच्या दृष्टीनं जाणून घ्या या दिवसाचं महत्त्वं#Chandrayaan3 #chandrayaan3live #astrologyhttps://t.co/hGdMAl9oQF
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चंद्रमा पर उतरने के २ घंटे पूर्व लैंडर विक्रम की स्थिति और चंद्रमा की परिस्थिति का अध्ययन कर चंद्रमा पर उतरना सही है या नहीं, यह तय किया जाएगा । यदि इस समय कुछ समस्या होगी, तो २७ अगस्त के दिन लैंडर विक्रम चंद्रमा पर उतारा जाएगा, ऐसा भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्थान की ओर से बताया गया है ।
अवकाश संशोधन क्षेत्रात क्रांती घडणार! चांद्रयान- 3चा विक्रम लँडर आज संध्याकाळी 6 वाजून 4 मिनिटांनी चंद्राच्या पृष्ठभागावर उतरणार. चंद्राच्या दक्षिण ध्रुवावर अंतराळयानाचे लँडिंग करणारा भारत हा पहिला देश ठरणार.
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लैंडर विक्रम चंद्रमा पर उतरने के उपरांत क्या होगा ?
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लैंडर विक्रम के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के उपरांत कुछ समय में उसमें से ‘रोवर प्रज्ञान’ बाहर आएगा । ये दोनों मिलकर चंद्रमा के पृष्ठ भाग के छायाचित्र निकालेंगे । नियंत्रण कक्ष से आदेश मिलने के उपरांत रोवर प्रज्ञान चंद्रमा के पृष्ठ भाग पर दौडेगा । इस समय उसके पहिए चंद्रमा की मिट्टी पर भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ और इसरो के लोगों की छाप छोडेंगे । आगे के १४ दिन विक्रम और प्रज्ञान चंद्रमा की जानकारी भेजेंगे ।