‘ब्राह्मणों को अपने गांव में न आने दें’, ऐसा आवाहन करने वाले छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता को हिरासत !

ऐसे जाति द्वेष के कारण ही भारत में जात-पांत अभी भी समाप्त नहीं हो सका है । जात-पांत नष्ट करने के लिए इस प्रकार की कुत्सित बुद्धि की मानसिकता को प्रथम नष्ट करना आवश्यक !

छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन के एक प्रकरण में भीड़ ने थाने में घुसकर तोड़फोड़ की एवं एक पादरी समेत तीन लोगों को पीटा !

इस घटना के विरोध में ईसाइयों ने थाने के बाहर प्रार्थना की, जबकि हिन्दुओं ने हनुमान चालीसा का पाठ किया ।

छत्तीसगढ के सरकारी स्कूल में शिक्षक ने भगवान कृष्ण के जन्मदिन पर उपवास कर रहे छात्रों को पीटा !

ऐसे शिक्षक को निलंबित नहीं, अपितु बंदी बनाकर कारागृह में डाल देना चाहिए, ताकि कोई अन्य इस तरह की हरकत करने का साहस न करे !

प्राथमिकी प्रविष्ट (एफ.आई.आर) करने से पहले पुलिस किसी को पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती ! – छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि पुलिस एफ.आई.आर. पंजीकृत करने से पहले किसी को पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती ।

यातायात बंदी के दौरान औषधि लाने निकले युवक को थप्पड मारने पर जिलाधिकारी को पद से हटाया !

राज्य में यातायात बंदी के दौरान, औषधि लाने के लिए बाहर निकले एक युवक के कान पर थप्पड मारने वाले तथा उस युवक का मोबाइल फोन रास्ते पर पटकने वाले सूरजपुर के जिलाधिकारी रणवीर शर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है । घटना का वीडियो सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित होने के उपरांत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शर्मा के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए ।

वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नौकरों की तरह व्यवहार करने के कारण पुलिस का इस्तीफा !

उज्ज्वल दीवान ने पुलिस अधीक्षक (एस.पी.) को अपना इस्तीफा सौंपते हुए आरोप लगाया है कि, ‘वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घर के बर्तन धुलवाते हैं, माली काम करवाते हैं और अडचन की बात की तो अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हैं ।’ उज्जवल दीवान ने उत्पीडन को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित किया है ।

नक्सलियों से लडते हुए मारे गए सैनिकों पर आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट लिखने के आरोप में लेखिका को बंदी बनाया !

रायपुर (छत्तीसगढ) – “यदि वेतनभोगी कर्मचारी काम पर मर रहे हैं, तो उन्हें ‘हुतात्मा’ कैसे कहा जा सकता है ? इस आधार पर, यदि बिजली के झटके के कारण बिजली विभाग का कोई कर्मचारी मर जाता है, तो उसे भी ‘हुतात्मा’ कहा जाना चाहिए ।”