रायपुर (छत्तीसगढ) – हिन्दुओं को जिनसे खतरा है, जो हिन्दुओं को ‘काफिर’ कहते हैं, वे उनके पूर्वजों को ही ‘काफिर’ कह रहे हैं; कारण भारत में सभी के पूर्वज सनातन वैदिक आर्य हिन्दू ही हैं । हम विश्वकल्याण का विचार रखते हैं, तो मुसलमान हिन्दुओं का विनाश होने का विचार करते हैं, ऐसा प्रतिपादन पुरी (ओडिशा) के पुर्वाम्नाय गोवर्धन पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक कार्यक्रम में किया । शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने इस समय विविध विषयों पर विचार रखे ।
शंकराचार्यजी द्वारा रखे विचार
१. युवकों को धर्म और अध्यात्म से जोडना चाहिए !
अभी के युवक सनातन परंपरा से भटक गए हैं । उनको विज्ञान की शिक्षा के साथ धर्म और अध्यात्म से जोडना चाहिए । जिससे वे जागृत होंगे और यही राष्ट्र की शक्ति होगी, इस कारण राष्ट्ररक्षण और हिन्दू राष्ट्र का उद्देश्य सफल होगा । यह सभी संप्रदायों के लिए भी लाभदायक होगा; कारण हमेंं विश्वकल्याण चाहिए ।
२. प्रत्येक परिवार ने बच्चों को सनातन संस्कृति के अनुसार शिक्षा देनी चाहिए !
हमारी सनातन व्यवस्था शास्त्र संबंधित सिद्धांतोें पर आधारित है । समाज की निर्मिति सुसंस्कारित, सुशिक्षित और सुसंस्कृत आचार-विचार के कारण होती रहती है । तब ही रामराज्य की व्यवस्था निर्माण होती है । यह कोई भी सरकार नहीं कर सकती । प्रत्येक परिवार को उनके बच्चों को सनातन संस्कृतिनुसार शिक्षा देनी चाहिए, तभी पोषक वातावरण निर्माण होगा और यही हिन्दू राष्ट्र होगा । इसमें आध्यात्मिक ऊर्जा भरी हुई होगी । इसमें युवा शक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है । आज की युवा शक्ति दिशा भ्रमित और निराशा ग्रस्त है ।
३. हिन्दू राष्ट्र सर्वसमावेशक होगा !
‘हिन्दू राष्ट्र में मुसलमान होंगे क्या ?’, इस प्रश्न पर शंकराचार्य जी ने कहा कि, हिन्दू राष्ट्र में सुसंस्कृत और सुरक्षित समाज बनाने का योगदान देने वाले प्रत्येक पंथ और जाति का स्वागत किया जाएगा !
४. राजनीतिक पार्टियों को लगता है कि, उनकी ओर से धर्मसंसद चलाई जानी चाहिए !
धर्मसंसद के विषय में विहिप के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंघल मेरे पास ७० बार तो आए थे । उन्होंने धर्मसंसद की स्थापना की; लेकिन अब भाजपा, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी को लगता है कि, धर्मसंसद उनकी ओर से चलाई जानी चाहिए ।
५. विवाद चालू होने के कारण हिजाबपर बोलना योग्य नहीं होगा !
हिजाब विवाद पर शंकराचार्य ने कहा कि, मेरे पास नेता आएंगे, तो मैं उनको सर्व स्थिति समझाकर बताउंगा । मेरे विचार उच्चतम न्यायालय भी नकार नहीं सकता । अब विवाद चालू रहने से इस पर बोलना योग्य नहीं होगा । इस कारण बडा विवाद निर्माण हो सकता है । इस कारण पहले सर्व परिस्थिति समझकर लूंगा ।