छत्तीसगढ की काँग्रेस सरकार की ओर से मुसलमान संगठन ‘दावत-ए-इस्लामी’ को बिनामूल्य २५ एकड भूमि देने का निर्णय रद्द

  • हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के विरोध का परिणाम

  • धर्मांतरण और आतंकवादी कार्यवाही में सहभागी होने का संगठन पर आरोप !

  • काँग्रेस सरकार कभी हिन्दूओं के संगठनों को बिनामूल्य सरकारी भूमि देती है क्या ? काँग्रेस सरकार केवल मुसलमानों के लिए ही कार्य करती है, यह ध्यान में रखते हुए देश को काँग्रेस मुक्त करने की आवश्यकता है ! – संपादक

  • संगठन पर आतंकवादी कार्यवाहियों में लिप्त होने का आरोप सिद्ध हुआ, तो इससे काँग्रेस द्वारा भी आतंकवादियों को प्रोत्साहन देने से इसके ऊपर देशद्रोह का गुनाह प्रविष्ट होना चाहिए ! – संपादक

रायपुर (छत्तीसगढ) – छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर शहर में मुसलमान संगठन ‘दावत-ए-इस्लामी’ को सरकार की ओर से २५ एकड भूमि बिनामूल्य दी जाने वाली थी । इसका भाजपा की ओर से विरोध होने के बाद राज्य सरकार ने भूमि देने का निर्णय रद्द करने की घोषणा की है ।

भाजपा नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप किया कि, यह संगठन पाक के कराची शहर का है । इस संगठन ने शहर के बोरियाखुर्द भाग की भूमि पर सामुदायिक भवन बनाने के लिए सरकार के पास अरजी कर भूमि मांगी थी । इसके बाद २१ जनवरी २०२१ में यह भूमि इस संगठन को दी गई ।

अग्रवाल ने आरोप किया कि, दावत-ए-इस्लामी संगठन को विदेश से आर्थिक सहायता मिलने सहित यह संगठन आतंकवादी कार्यवाहियों में सहभागी है । धर्मांतरण के मामले में भी इसका नाम आया हुआ है । सरकार के पास भूमि मांगने की अनेक अरजियां प्रलंबित होते हुए भी इस संस्था को एक वर्ष में भूमि देने की प्रक्रिया कैसे पूरी की गई ? राज्य के अनेक जिलों में मुसलमान संगठनों को भूमि दी गई है ।