चीन में कोरोना के केवल १३ रोगी मिलते ही पाठशालाएं बंद, तो हवाई जहाज के आवर्तन निरस्त !
कोरोना के अत्यल्प रोगी मिलते ही कठोर कदम उठा रहे चीन से भारत कब सीखेगा ?
कोरोना के अत्यल्प रोगी मिलते ही कठोर कदम उठा रहे चीन से भारत कब सीखेगा ?
रावण में भी ऐसा ही अहंकार था और फिर उसका नाश हुआ । चीन का अहंकार भी भारत को जल्द से जल्द आक्रमक भूमिका लेकर नष्ट करने की आवश्यकता है । चीन एक हवा का गुब्बारा होने के कारण उसमें सूई चुभोने का काम भारत को ही करना चाहिए !
यदि चीन इस प्रकार की दादागिरी करेगा, तो संपूर्ण संसार एवं संयुक्त राष्ट्र ने चीन का बहिष्कार करना चाहिए !
इससे यही स्पष्ट होता है कि, ‘पाकिस्तान पर जो निर्भर रहा, वह समाप्त हो गया’ ; इसका प्रत्यय अमेरिका ले चुका है तथा अब चीन भी ले रहा है !
लोकतंत्र के विरोध में जाकर सत्ता स्थापित करने वाले तालिबान को चीन द्वारा सहायता करने से लोकतंत्र को पुरस्कृत करने वाले पश्चिमी देश अब चीन के विरोध में ठोस भूमिका निभाएंगे क्या ?
चीन जो करता है, वह भारत क्यों नही करता ? चीन के समान भारत को भी ऐसा ही निर्णय लेना आवश्यक !
अध्ययन के अनुसार, चिकित्सालय में भर्ती किए गए कोरोना रोगियों में ४९ प्रतिशत रोगियों में लगभग एक वर्ष तक कोरोना के लक्षण देखे गए । यह मेडिकल जर्नल, “द लैंसेट” की प्रकाशित नवीन प्रतिवेदन के निष्कर्ष में कहा गया है ।
संतप्त चीन ने की अमेरिका की आलोचना !
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पत्रकारों को बताया कि चीन अफगानिस्तान के जनता के अधिकारों का सम्मान करता है और हम तालिबान के साथ मित्रतापूर्ण एवं सहयोगपूर्ण संबंध विकसित करने का इच्छुक है ।
चीन के वुहान में कोरोना की उत्पत्ति हुई थी और उसके उपरांत चीन ने उस पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया था, किन्तु अब पुन: वुहान शहर में कोरोना का एक रोगी मिला है ।