चीन में, चैनल पर इजराइल विरोधी कार्यक्रम प्रसारित !
चीनी राजधानी बीजिंग के इजराइली दूतावास ने एक चीनी टेलीविजन स्टेशन पर यहूदी विरोधी कार्यक्रम प्रसारित करने का आरोप लगाया है ।
चीनी राजधानी बीजिंग के इजराइली दूतावास ने एक चीनी टेलीविजन स्टेशन पर यहूदी विरोधी कार्यक्रम प्रसारित करने का आरोप लगाया है ।
यद्यपि चीन ने लद्दाख में पैंगोंग झील के पास के फिंगर ४ से ८ तक के अपने सैनिक वापस ले लिए हैं, परंतु उपग्रह से लिए गए छायाचित्र से पता चला है कि, उसने रुतोग में सैन्य अड्डे पर शस्त्रों का एक बडा भंडार बना लिया तथा सैनिकों को एकत्रित कर लिया है । चीन अपने सैन्य अड्डे का आधुनिकीकरण करते हुए भी देखा गया है ।
चीन के सरकारी दैनिक, ‘ग्लोबल टाइम्स’, के एक संपादकीय में धमकी दी गई है कि, ‘अमेरिका ने यदि चीन के साथ युद्ध किया तो अमेरिका की पराजय होगी ।’ जापान, ऑस्ट्रेलिया एवं फ्रांस, युद्ध का अभ्यास करने में लगे हुए हैं, जिसमें अमेरिका सहभाग ले रहा है । इसी पृष्ठभूमि में यह धमकी दी गई है । चीन ने कहा था कि, इस प्रकार के युद्ध खेलों का उसपर कोई प्रभाव नहीं होगा ।
भारत में जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप हुआ है, वैसे ही चीन पूर्वी लद्दाख की सीमा पर युद्ध की तैयारी करता दिखाई दे रहा है ।
अमेरिकी गुप्तचर विभाग ने चीन की एक रिपोर्ट ढूंढ निकाली है । १८ विशेषज्ञों द्वारा लिखी गई रिपोर्ट में पाया गया कि, चीन विगत छह वर्षों से तृतीय विश्व युद्ध के लिए कोरोना जैसा एक जैविक अस्त्र निर्माण कर रहा था, एवं उसने वास्तव में कोरोना के माध्यम से तीसरा युद्ध शुरू किया है । इस प्रकार का जैविक अस्त्र इस युद्ध का मुख्य अस्त्र होगा ।
बीजिंग (चीन) – “भारत में कोरोना महामारी के कारण स्थिति चिंताजनक बनी है । इसलिए भारत अपनी पुरानी नीतियों का अवलंब कर सकता है । कोरोना की स्थिति से लोगों का ध्यान हटाने के लिए, भारत चीन या पाकिस्तान की सीमाओं पर शरारती गतिविधियां कर सकता है
बीजिंग (चीन) – आने वाले ८ वर्षों में चीन की ओर से ताइवान पर आक्रमण करने की संभावना के कारण आस्ट्रेलिया ने चीन से युद्ध करने की तैयारी चालू की है । इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है ।
नई दिल्ली: ऐसा समझा जाता है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोग्रा और देप्सांग में सीमा से अपने सैनिकों को हटाने से मना कर दिया है । भारत और चीन के बीच पिछले सप्ताह सैन्य-स्तरीय वार्ता के ११ वें दौर में १३ घंटे की चर्चा हुई थी ।