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बेंगलुरु (कर्नाटक) – कर्नाटक सरकार ने हाल ही में ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और चॅरिटेबल एंडोमेंट बिल २०२४’ पारित किया है। यह विधेयक सरकार को मंदिरों से कर (टैक्स) वसूलने का अधिकार देता है । विधायक के अनुसार, ‘यदि किसी हिन्दू मंदिर का राजस्व १ करोड रुपये है तो सरकार उससे १० प्रतिशत कर वसूल सकती है और जिनका राजस्व १ करोड़ रुपये से कम है, परंतु १० लाख रुपये से अधिक है तो सरकार उनसे ५ प्रतिशत कर वसूल सकती है ।’ बीजेपी ने इस विधेयक का विरोध किया है ।
कर्नाटक सरकार का लक्ष्य केवल , हिन्दुओं के मंदिर ही क्यों , अन्य धर्म के पूजा स्थल क्यों नहीं ? – बीजेपी
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने एक्स पर पोस्ट किया है कि कांग्रेस सरकार राज्य में लगातार हिन्दू विरोधी नीतियां अपना रही है । हिन्दू मंदिरों की आय पर कांग्रेस की दृष्टि गडी़ है । सरकार ने अपनी खाली तिजोरी भरने के लिए ‘हिन्दू धार्मिक संस्थान और चॅरिटेबल एंडोमेंट बिल २०२४’ पारित किया है। सरकार मंदिरों से धन जुटाकर अपने अन्य उद्देश्य भी पूरे करेगी ।
Corrupt, inept #LootSarkaar with its penchant for anti Hindu ideology in the guise of secularism, has cast its evil eyes on the Temple🛕 revenues. Through the Hindu Religious Endowments amendment act, it is trying to siphon off donations as well as offerings from Hindu temples… pic.twitter.com/Vzf9RQTaP4
— Vijayendra Yediyurappa (@BYVijayendra) February 22, 2024
कर्नाटक में मंदिरों पर 10% जजिया pic.twitter.com/ymynyOhdWu
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) February 22, 2024
भक्तों द्वारा भगवान और मंदिर के विकास के लिए किए गए दान का उपयोग मंदिर के जीर्णोद्धार और भक्तों की सुविधा के लिए किया जाना चाहिए। यदि इसका उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए किया जाता है, तो यह भक्तों के साथ छल होगा। कर्नाटक सरकार केवल हिन्दू मंदिरों को ही लक्ष्य क्यों कर रही है ? अन्य धर्मों के संस्थान से कर क्यों नहीं लिया जा रहा ?
भाजपा नेता एवं अधिवक्ता श्री. अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि कर्नाटक में मंदिरों से १० फीसदी जजिया कर लिया जा रहा है ।
(और इनकी सुने ) ‘हम हिन्दुत्व के सच्चे समर्थक हैं !’ – कांग्रेस
बीजेपी के विरोध का जवाब देते हुए मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि बीजेपी हमेशा कांग्रेस को हिन्दू विरोधी दिखाकर लाभ उठाती है; परंतु हम हिन्दू धर्म के सत्य समर्थक हैं; क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस ने मंदिर और हिन्दुओं के हितों की रक्षा की है ।
The Congress government in Karnataka passed the bill on temples.
A whopping 10 Lakh Rupees should be paid to the Government in taxes, for every 1 Crore Rupees donation the Mandir receives.
— People belonging to other faiths can be appointed in the management committee of… pic.twitter.com/2t8XAM7GSV
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 22, 2024
(इसे कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ! क्या छोटे बच्चे भी कांग्रेस के इस दावे पर विश्वास करेंगे ? – संपादक)
मंदिर प्रबंधन समिति में अन्य धर्मावलंबियों को नियुक्त करने का विधेयक समाप्त करें ! – कर्नाटक देवस्थान मठ और धार्मिक संस्थान संघ
१६ वीं विधानसभा के तीसरे सत्र में कर्नाटक सरकार ने ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और चॅरिटेबल एंडोमेंट बिल २०२४’ पारित किया, जिसमें ‘धर्मस्थलों की प्रबंधन समिति में अन्य धार्मिक व्यक्तियों को नियुक्त करने’ के लिए अनुच्छेद २५ में संशोधन किया गया है । इससे पहले के सुधार में यह निर्णय लिया गया था कि ‘देवस्थान प्रबंधन समिति में हिन्दुओं के अतिरिक्त अन्य किसी भी समुदाय के लोगों को सहभागी नहीं किया जाना चाहिए।’ अब इसे बदलना राज्य सरकार के लिए आपत्तिजनक है । यह देवस्थानों में हिन्दू धर्म के गैर-विश्वासियों को नियुक्त करके देवस्थानों की परंपराओं को नष्ट करने का षड्यंत्र है। हिन्दू मंदिरों की प्रबंधन समिति में अन्य धर्मियों को नियुक्त करने वाली सरकार क्या वक्फ बोर्ड में हिन्दुओं को नियुक्त करेगी ?
The Devasthan Mahasangh strongly opposes the Karnataka govt circular that non-Hindus can be made members of the temple management committee. This anti-Hindu circular should be cancelled. pic.twitter.com/nNM31AMDKo
— 🚩Mohan gowda🇮🇳 (@Mohan_HJS) February 22, 2024
Anti-Hindu Amendment by Karnataka Congi Government to the Hindu Religious Endowments Act.
This amendment is UNCONSTITUTIONAL – It is against the fundamental rights of HINDUS.
We are ready to challenge it before Court. We shall win back Hindu Rights. Time to legally throw… https://t.co/O2Qvuib1Ix
— trramesh (@trramesh) February 22, 2024
सरकार का यह व्यवहार हिन्दू विरोधी नीति को दर्शाता है । इसलिए राज्य सरकार को इस संशोधन को शीघ्र हटाना चाहिए । अन्यथा पूर्ण कर्नाटक में आंदोलन किए जाएंगे, ऐसी चेतावनी कर्नाटक देवस्थान मठ एवं धार्मिक संस्थान महासंघ के प्रदेश संयोजक श्री. मोहन गौडा ने एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा दी है ।
संपादकीय भूमिका
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