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मंड्या (कर्नाटक) – मंड्या जिले के केरागाडू गांव में हिंदुओं ने अर्पण एकत्रित कर १०८ फीट ऊंचे खंभे पर लगाए गए भगवान श्रीहनुमान की छवि वाले भगवा झंडे को कर्नाटक पुलिस ने बलपूर्वक उतार दिया। जब हिंदुओं ने इसका विरोध किया तो २७ जनवरी की रात्रि को पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं एवं इस गांव में धारा १४४ लागू कर दी गई । इस निंद्य घटना के परिणाम पूरे कर्नाटक में होते दिखाई दे रहे हैं।
१. झंडे वाला यह खंभा गांव में रंगमंदिर के समीप लगाया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि इसके लिए ग्राम पंचायत की अनुमति भी ली गई थी ; किन्तु गांव के कुछ लोगों को यह नहीं रुचा तथा उन्होंने इसके विरोध में शिकायत कर दी। इस शिकायत के आधार पर मंड्या प्रशासन ने २७ जनवरी की रात्रि को खंभे से ध्वज हटाने का निंद्य कार्य किया । इस समय प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रखा था। विरोध करने वाले ग्रामीणों को लाठियों से पीटा गया।
२. २८ जनवरी की प्रात: यहां का वातावरण तनावपूर्ण हो गया था। ध्वज हटाए जाने से संतप्त ग्रामीणों ने केरागाडू को बंद रखने का निर्णय किया। ग्रामीणों ने स्थानीय कांग्रेस विधायक रवींद्र कुमार का नाम पट फाड़कर विरोध जताया। कुछ लोगों का आरोप है कि इस पूरे प्रकरण के पीछे रवींद्र कुमार का ही हाथ है।
३. यहां पर उपस्थित बजरंग दल, भाजपा एवं जनता दल (समाजवादी ) के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और भगवा ध्वज को फिर से स्थापित करने की मांग कर रहे हैं।
कर्नाटक के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करेंगे ! – भाजपा
श्रीहनुमान ध्वज हटाए जाने का भाजपा नेताओं और हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कडा विरोध जताया है। भाजपा नेता ए.आर. अशोक ने राज्य में कांग्रेस सरकार के कार्यों पर प्रश्न उठाया और तर्क दिया कि हनुमान ध्वज ग्राम पंचायत की अनुमति न लेकर फहराया गया था। उन्होंने कहा, हम इस प्रकरण में कर्नाटक के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
Welcome to Aurangzeb Rajya
After opposing #AyodhyaRamMandir, anti-Hindu @INCKarnataka Govt in Karnataka is now standing against Hanuman Ji.
Karnataka Police brought down the flag of Hanuman Ji hoisted by the Gram Panchayat Board in Mandya district.
Are Hindus second grade…
— R. Ashoka (ಆರ್. ಅಶೋಕ) (@RAshokaBJP) January 28, 2024
राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति लेकर फहराया गया भगवा ध्वज ! – मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का आरोप
घटना को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि जहां तिरंगा फहराया जाता है, वहां भगवा ध्वज फहराना नियमों के विरुद्ध है। राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति दी गई; किन्तु वहां अन्य ध्वज फहराया गया। इसके पीछे राजनीति भी हो सकती है। मुझे ज्ञात नहीं कि इसके पीछे कौन है? यह देश लोकतंत्र और संविधान से चलता है। यदि एक स्थान के लिए अनुमति दी जाए तो अन्य स्थानों पर भी वही नियम लागू होता है। कल को वे यह भी कह सकते हैं, ‘जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के सामने भगवा ध्वज फहराएंगे ‘, क्या इसकी अनुमति दी जा सकती है? हम यहां अपने युवाओं को चोट पहुंचाने के लिए नहीं हैं। मैंने अधिकारियों, पुलिस और युवाओं से चर्चा की है। हम निजी स्थानों पर या मंदिरों के समीप श्रीहनुमान ध्वज स्थापित करने के लिए सिद्ध हैं। हम उनका समर्थन करेंगे। हम भी राम भक्त हैं।
संपादकीय भूमिकाजब से कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आई है, हिंदुओं को प्रतिदिन यह अनुभव होने लगा है कि वे टीपू सुल्तान के शासन में रह रहे हैं। हिंदुओं ने कांग्रेस को मत देकर अपने पैरों पर कुल्हाडी मारने का यह परिणाम है। अब, जब प्रदेश भर के हिन्दू संगठित होकर ऐसी घटनाओं का विरोध करेंगे तभी सरकार पर दबाव बनेगा ! |