रामनाथ देवस्थान – केरल की स्थिति अत्यंत भयावह है । वहां मुसलमानों की जनसंख्या ३० प्रतिशततक पहुंच गई है, जिससे वहां कश्मीर की भांति स्थिति बनती जा रही है । उसके कारण वहां के हिन्दुत्वनिष्ठों को धर्मांधों एवं वामपंथियों के साथ धर्मनिरपेक्ष हिन्दुओं के विरुद्ध भी लडना पड रहा है । वहां पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाएं चलती थीं; परंतु उनका विरोध होने से उन्होंने मंदिरों में शाखा चलाना आरंभ किया । एक दिन केरल सरकार ने किसी भी मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाएं चलने न देने का आदेश दिया । उसके कारण अब वहां संघ की शाखाएं चलाना कठिन बन गया है, ऐसा क्षोभजनक प्रतिपादन केरल के हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. राकेश नेल्लिथया ने किया । वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के चौथे दिन (१९.६.२०२३ को) उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर व्यासपीठ पर हरियाणा के ‘बजरंग दल’ के प्रांत सुरक्षा प्रमुख श्री. कृष्ण गुर्जर, सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक तथा हिन्दू जनजागृति समिति की संभाजीनगर समन्वयक कु. प्रियांका लोणे ये मान्यवर उपस्थित थे ।
श्री. राकेश नेल्लिथया ने आगे कहा, ‘‘केरल में धर्मांधों ने बडे स्तर पर ‘ड्रग्ज जिहाद’ (मादक पदार्थाें का जिहाद) आरंभ किया है । इस माध्यम से वे छात्रों को अपना लक्ष्य बना रहे हैं । पिछली बार केरल में १ लाख करोड रुपए की मादक पदार्थाें की तस्करी पकडी गई । ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म तो धर्मांधों की गतिविधियों का एक छोटासा अंश है । वहां उससे कहीं अधिक भीषण स्थिति है । केरल में मंदिरों को धार्मिक नहीं, अपितु सार्वजनिक स्थानों की श्रेणी में अंतर्भूत किया गया है । इस माध्यम से वहां की धर्मनिरपेक्ष सरकार के द्वारा हिन्दू धर्म एवं संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है । यह अकेले केवल केरल की नहीं, अपितु संपूर्ण भारत की समस्या है; इसलिए केरल में चल रही हिन्दूविरोधी गतिविधियों की संपूर्ण देश में चर्चा होना आवश्यक है, साथ ही समस्त भारतीयों को इसकी ओर अधिक ध्यान देना आवश्यक है । ’’