झारखंड में बांग्लादेशी मुसलमानों की घुसपैठ शुरू !

प्रतिकात्मक छायाचित्र

रांची – संथाल परगना और झारखंड के अन्य भागों में बांग्लादेशी मुसलमानों की घुसपैठ शुरू ही है । एक अहवाल (रिपोर्ट) में खुलासा हुआ है कि झारखंड के कई जिलों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड बनाए हैं। इसके आंकड़े भी उपलब्ध हैं। इससे पहले भी राज्य में मतदाताओं की संख्या में असामान्य बढ़ोतरी की बात सामने आई थी । (घुसपैठिए भारतीय नागरिकों के पहले से ही दुर्लभ संसाधनों का फायदा उठा रहे हैं और इसका प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए कठोर कदम उठाएगी! – संपादक)

१. झारखंड के संथाल परगना का हिस्सा साहिबगंज और पाकुड़ में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड हैं। अक्टूबर २०२४ तक साहिबगंज की अनुमानित जनसंख्या १३ लाख ८० हजार है, जबकि वहां १४ लाख ५३ हजार आधार कार्ड बन चुके हैं ।इसी प्रकार, पाकुर की भी अनुमानित जनसंख्या १० लाख ८९ हजार है; लेकिन ११ लाख ३६ हजार आधार कार्ड बन गये हैं । यानी इन २ जिलों में जनसंख्या के मुकाबले १०४ फीसदी आधार कार्ड बन चुके हैं ।

२. ऐसा ही एक प्रकरण लोहरदगा से भी सामने आया है । यहां ५ लाख ५८ लाख जनसंख्या के लिए ६ लाख ८ लाख आधार कार्ड बनाए गए हैं । दूसरे शब्दों में कहें तो यहां जनसंख्या की तुलना में १०८ फीसदी आधार नंबर सत्यापित हो चुके हैं ।

३. केंद्र सरकार ने हाल ही में संथाल परगना जिलों में गुप्तचर यंत्रणा का एक पथक भेजा था। पथक ने साहिबगंज के कई भागों में भी पहुंचा। यह पथक बांग्लादेशी मुसलमानों की घुसपैठ के प्रमाण ले जा रहा था।

४. झारखंड में अवैध घुसपैठ को लेकर उच्च न्यायालय में भी प्रकरण चल रहा है । उच्च न्यायालय ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों का सर्वेक्षण कर उन्हें निर्वासित करने का भी निर्देश दिया है ।

संपादकीय भूमिका

झारखंड में मुसलमानों को हांकने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार सत्ता में है, इससे और अलग अपेक्षा क्या की जा सकती है? अब केंद्र सरकार को यहाँ ध्यान देना चाहिए और इन घुसपैठियों को निवसित करने का प्रयास करना चाहिए !