१९९० के दंगों के बाद हिन्दुओं के पलायन के बाद से मंदिर बंद है
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) – बुलंदशहर जिले के खुर्जा शहर के मुस्लिम बहुल सलमा हकन क्षेत्र में एक मंदिर मिला है । यह करीब ५० साल पुराना बताया जा रहा है। यह पिछले ३० साल से बंद था । इस मंदिर का निर्माण जाटव समुदाय द्वारा करवाया गया था। वे वहां पूजा करते थे । १९९० के दंगों के बाद जाटव समुदाय ने इलाका छोड दिया और मंदिर भी बंद कर दिया गया । इस मौके पर समुदाय के एक परिवार ने मंदिर की मूर्तियों को नदी में विसर्जित किया था ।
A Hindu temple has been found in the Mu$!im-majority area of Bulandshahr (Uttar Pradesh).
The temple had been closed after the Hindus of the area fled during the 1990 riots#ReclaimOurRoots #Temple pic.twitter.com/jVy1SRMyKE
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 25, 2024
१. खुर्ज शहर के उपमंडल अधिकारी दुर्गेश सिंह ने बताया कि यह मंदिर पूरी तरह से सुरक्षित है । इस स्थान को लेकर किसी भी समाज में कोई विवाद नहीं है। मंदिर की मूर्तियों को नदी में विसर्जित कर दी गया थीं जांच अभी भी जारी है ।
२. मंदिर की खोज के बाद विश्व हिन्दू परिषद और जाटव विकास मंच ने प्रशासन से मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग की है । मंच और विहिप के सदस्यों ने मिलकर मंदिर में धार्मिक गतिविधियां फिर से शुरू करने की मांग की है ।
३. विहिप मेरठ के प्रांत पदाधिकारी सुनील सोलंकी ने बताया कि मंदिर १९९० से बंद है । उस समय इस इलाके में रहने वाले हिन्दू परिवार दंगों के डर से पलायन कर गए थे । उन्होंने प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपकर मंदिर की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण करने का अनुरोध किया ताकि पूजा फिर से शुरू हो सके ।
४. जाटव विकास मंच के अध्यक्ष कैलास भागमल गौतम ने भी मंदिर के इतिहास पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि इस मंदिर का निर्माण जाटव समाज के लोगों ने कराया था ।
इस मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों और संगठनों की उम्मीदें बढ गई हैं । उनका मानना है कि मंदिर का जीर्णोद्धार कर दोबारा पूजा शुरू की जा सकती है । उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इस पर निर्णय लेगा ।