विश्वामित्र ऋषि के विषय में अश्लील विधान करने के प्रकरण में सरवर चिश्ती द्वारा क्षमायाचना !

जयपुर (राजस्थान) – लडकी ऐसी चीज है जिसे देख कितना भी बडा व्यक्ति हो उसका पैर फिसल जाता है । विश्वामित्र का भी पैर फिसल सकता है, ऐसा विधान करने के प्रकरण में अजमेर दरगाह के खादिमों की (सेवकों की) संगठन ‘अंजुमन सय्यद जादगान’के सचिव सरवर चिश्ती ने क्षमा मांगी है । इस वक्तव्य के उपरांत उन पर टीका होने लगी थी । इसलिए उन्होंने क्षमा मांगी है । उन्होंने बचावात्मक भूमिका अपनाते हुए कहा ‘मैं मनुष्य हूं । मेरी जीभ फिसल सकती है ।’, (क्या इस्लाम के श्रद्धास्थानों पऱ बोलते हुए चिश्ती की जीभ फिसल सकती है ? हिन्दुओं के देवी-देवता एवं श्रद्धास्थानों के विषय में बोलते हुए ही उनकी जीभ कैसे फिसलती है ? – संपादक)

१. सरवर चिश्ती आगे बोेले, ‘‘अजमेर ९२’ फिल्म प्रदर्शित होनेवाला है और उस विषय में मैंने भेंटवार्ता में आरोपियो पर कडी टिप्पणी की थी; परंतु भेंटवार्ता न दिखाते हुए मेरा ‘स्टिंग ऑपरेशन’ (छिपी पद्धति से जानकारी प्राप्त करना) कर मेरे अनौपचारिक वार्तालाप में कहे वक्तव्य प्रसारित किए गए हैं । (अर्थात ‘अनौपचारिक वार्तालाप में हिन्दुओं के श्रद्धास्थानों के विषय में कुछ भी बोलेंगे, तो ठीक है’, ऐसा चिश्ती को कहना है क्या ? ऐसों की जगह कारागृह में है, इसलिए उन पर कार्रवाई होने हेतु हिन्दुओं का वैध मार्ग से विरोध करना आवश्यक ! – संपादक) इस वीडियो के कारण मुझ पर जाेरदार टीका-टिप्पणी हुई हैै ।’’

२. अजमेर में वर्ष १९९२ में हुए २०० से भी अधिक लैंगिक शोषण की घटनाओं में अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के सेवक चिश्ती घराने के कुछ मुसलमानों का हाथ था । इसलिए मुसलमानों द्वारा ‘अजमेर ९२’ फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही है ।

३.  सरवर चिश्ती ने इससे पूर्व भी हिन्दुओं के विरोध में अपमानजनक और उकसानेवाले वक्तव्य किए हैं । उनका प्रतिबंधित जिहादी आतंकवादी संगठन पी.एफ्.आइ.से संबंध होने की बात भी सामने आई थी । इतना ही हनीं उनके बेटे आदिर चिश्ती ने भी हिन्दुओं के देवी-देवताओं पर अश्लील टीका-टिप्पणी की थी ।

संपादकीय भूमिका 

हिन्दुओं के ऋषि-मुनियों के विषय में अश्लील वक्तव्य करनेवालों को कारागृह में डाल देना चाहिए; परंतु राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता होने से वहां के धर्मांधों की पांचों उंगलियां घी में, यही सत्य है !