विभिन्न संगठनों की पुलिस से इस धर्मांध पर कार्यवाही करने की मांग
(‘स्टेटस’ का अर्थ है अन्य लोग देख पाएं; इस पद्धति से अपने चलितभाष पर रखा जानेवाला चित्र अथवा लेखन)
(उपरोक्त तस्वीरें और वीडियो किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए नहीं है। यह तथ्यों को सूचित करने के लिए है। – संपादक)
लांजा, ८ जून (संवाददाता) – शिवराज्याभिषेक दिवस पर अहमदनगर एवं कोल्हापुर इन शहरों में हिन्दूद्वेषी आक्रांता क्रूरकर्मी औरंगजेब एवं टिपू सुल्तान को महिमामंडित किए जाने की घटनाएं ताजा होते हुए ही रत्नागिरी जिले के लांजा शहर में भी एक धर्मांध ने ‘इंस्टाग्राम’ पर क्रूरकर्मी टिपू सुल्तान का स्टेटस रखकर उसका महिमामंडन करने की घटना सामने आई है । इस धर्मांध का नाम एमाननुरी अहमद वकील उजीज उपाख्य मौलू है । शहर में चल रही गांजे की बिक्री के प्रकरण में भी उसका हाथ है । एमाननुरी के इस कृत्य के कारण शहर के हिन्दू क्षुब्ध हुए तथा यहां के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों, विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं एवं शिवप्रेमियों ने पुलिस थाने जाकर पुलिस निरीक्षक अट्टुगडे से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा तथा इस धर्मांध आरोपी पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की ।
पुलिस को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि आजकल कोल्हापुर में चल रहे प्रकरण पर विचार किया जाए, तो इस प्रकार से महिमामंडन करने से कानून-व्यवस्था बिगड जाने की संभावना है । इस प्रकार के महिमामंडन के कारण समाज में अशांति उत्पन्न हो रही है । आरोपी एमाननुरी अहमद वकील उजीज पर उचित कानूनी कार्यवाही की जाए ।
आरोपी को बंदी बनाने के स्थान पर उसे लांजा शहर स्थाईरूप से छोडने का आदेश !ऐसा करना क्या ‘आरोपी दूसरे किसी स्थान पर जाकर वहां भी इसी प्रकार के अपराध करे’, इसके लिए पुलिस द्वारा दी गई खूली छूट नहीं है ? नागरिकों द्वारा ज्ञापन देने के उपरांत पुलिस निरीक्षक अट्टूगडे ने आरोपी एमाननुरी अहमद वकील उजीज, साथ ही उसके भाई तथा राजापुर में रहनेवाले उसके पिता को तुरंत पुलिस थाने में बुला लिया । इस समय आरोपी से ‘इसके आगे मुझ से इस प्रकार का अनुचित तथा धार्मिक तनाव उत्पन्न करनेवाला आचरण नहीं होगा’, ऐसा लिख लिया गया । (केवल ऐसा लिख देने से धर्मांधों पर धाक रहेगी तथा उससे उनके आचरण में सुधार आ सकेगा ? ऐसा लिख लेने से धर्मांध पुनः अपराध नहीं करेंगे, क्या इसके प्रति पुलिस आश्वस्त है ? – संपादक) पुलिस ने आरोपी को इसके आगे स्थाईरूप से लांजा शहर छोडने का आदेश दिया है । (क्या ऐसा करना पुलिस के द्वारा अपराधी को दिया गया अप्रत्यक्षरूप से अभय नहीं है ? – संपादक) |
संपादकीय भूमिका
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