(इनकी सुनिए…) ‘सत्ताधारी दल समाज में मुस्लिम द्वेष पूरी चतुराई से निभाते हैं !’ – अभिनेता नसीरुद्दीन शाह

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह

मुंबई – ‍वर्तमान काल वास्तव में चिंताजनक है । सुशिक्षित लोगों में भी ‘मुसलमानों के प्रति द्वेष’ ‘फैशन’ बन गये है । (झूठ बोलो, परंतु विश्वास से बोलो’, इस वृत्ति के शाह ! यह बात कोई भी कहेगा कि इस देश में हिन्दुद्वेष वास्तव में ‘फैशन’ बन गई है ! – संपादक) सत्तारूढ दल अत्यंत चतुराई से ऐसा कर रहा है, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने ऐसा विषैला वक्तव्य दिया है । ‘इंडियन एक्स्प्रेस’ में इस विषय में समाचार प्रकाशित हुए हैं ।

इस में नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि हम (मुसलमान) धर्मनिरपेक्षता एवं लोकतंत्र के विषय में बोलते हैं, तो आप प्रत्येक बात में धर्म क्यों लाते हैं ? ‘इस्लामद्वेष का’ उपयोग केवल चुनाव में मत मिलने के लिए किया जाता है । समाज में झूठी जानकारी फैलाने के लिए साधन के रूप में कुछ चलचित्र एवं कार्यक्रमों का उपयोग किया जा रहा है । मत अर्जित करने के लिए धर्म का प्रयोग करनेवाले राजनीतिज्ञों के लिए चुनाव-आयोग मूकप्रेक्षक बन गया है । (चुनाव आयोग पर इस प्रकार टिप्पणी करना क्या कानूनन उचित है ? क्या चुनाव आयोग ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगा ? – संपादक)

एकाध मुसलमान नेता द्वारा ‘अल्ला हू अकबर’ बोलते हुए यदि मत मांगे गए होते, तो कितनी बडी गडबडी हो जाती ? ऐसी आशा करता हूं कि लोगों में दीवार खडी करनेवाला धर्म का यह सूत्र एक दिन दूर होगा । प्रधान मंत्री लोगों के सामने जाकर ऐसी बातें करते हुए भी हार जाते हैं । इसलिए मुझे आशा है कि राजनीति से धर्म का प्रभाव बंद होगा; परंतु वर्तमान में तो मुसलमानद्वेष चालू है । इस सरकार ने चतुराई से यह खेल खेला है । (इतने वर्ष मुसलमानों का तुष्टीकरण कर कांग्रेस को मत मिले । धर्म के आधार पर लाभ उठाया जा रहा है, तो भी नसीरुद्दीन शाह को कभी धर्म का स्मरण नहीं हुआ, ऐसा क्यों ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • भारत में अल्पसंख्यक होने के उपरांत हिन्दू-द्वेष करनेवाले मुसलमानों को विश्व के किसी भी मुस्लिम देश में इतनी सुविधाएं नहीं मिलती होंगी  !
  • कितने हिन्दू कलाकार हिन्दुओं पर हो रहे लव-जिहाद, हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्या, धार्मिक फेरियों पर आक्रमण आदि प्रकरणों के विरुद्ध आवाज उठाते हैं ?