(और इनकी सुनिए…)‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा को अनुमति न दें !’– सोशल डेमोक्रॅटिक पार्टी ऑफ इंडिया !

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी का मंगलुरु पुलिस आयुक्त को ज्ञापन !

मंगलुरू (कर्नाटक) – समूचे दक्षिण कन्नड जनपद में हिन्दू जनजागृति समिति समिति की अगुआई में ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा’ यह देशविरोधी कार्यक्रम करने के लिए व्यापक प्रचार किया जा रहा है । सार्वजनिक स्थानों पर तथा वाहनों पर पत्रक चिपकाए गए हैं । इतना ही नहीं, सामाजिक प्रचार माध्यमों से इस विषय का वीडियो भी प्रसारित किया जा रहे है । यह सब असंवैधानिक और देशविरोधी है । इसलिए, यह सभा करने की अनुमति न दी जाए । ऐसा ज्ञापन सोशल डेमोक्रॅटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एस.डी.पी.आय.) दल की ओर से पुलिस आयुक्त को दिया गया है । यह दल, प्रतिबंधित जिहादी संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ की राजनीतिक शाखा है ।

यह निवेदन किया गया है की,

इस ज्ञापन में आगे कहा गया है कि भारत धर्मनिरपेक्ष तथा प्रजातांत्रिक राष्ट्र है, यह संविधान में स्पष्ट लिखा है । (फिर भी, इस देश में गत अनेक दशकों से मुसलमानों ने धर्म के नाम पर कितनी सुख-सुविधाएं लूटी हैं, इसका हिसाब वो देंगे ? – संपादक) इस देश की पहचान किसी एक धर्म के आधार पर बताना, अवैध और देशद्रोही कृत्य है । (भारत‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा को अनुमति न दें !’ को इस्लामी राष्ट्र बनाने के विरुद्ध यह दल क्या कभी मुंह खोलता है ? इसी का पी.एफ.आय. संगठन भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाना चाहता था । इसलिए यह दल किस मुंह से यह तत्त्वज्ञान बक रहा है ? – संपादक) इसलिए, पुलिस विभाग इस विषय पर गंभीरता से विचार करे तथा देशद्रोही कार्यक्रम करने के लिए किसी भी कारण अनुमति न दे । पूरे जनपद में फलक लगा कर समाज का वातावरण बिगाड़नेवाली हिन्दू जनजागृति समिति के विरुद्ध देशद्रोह का अभियोग पंजीकृत कर तथा इस संगठन पर प्रतिबंध लगाकर, इसके प्रमुख को बंदी बनाया जाए, यह मांग की गई है ।

संपादकीय भूमिका

  • हिन्दू राष्ट्र के नाम से होनेवाली जनसभा से जिहादी संगठन, दल और नेता छटपटाएंगे ही । परंतु, संविधान प्रदत्त स्वतंत्रता के अनुसार ही यह सभा हो रही है इसलिए, कोई कितना भी हो हल्ला कर ले, इसका कोई प्रभाव नहीं पडनेवाला है !
  • ‘वस्तुतः, देश में प्रतिबंधित जिहादी आतंकवादी संगठनों की राजनीतिक शाखा चालू कैसे है ?’, यह प्रश्‍न राष्ट्रप्रेमी पूछ रहे हैं । जिहादी गतिविधियों का खुला समर्थन करनेवाली एस.डी.पी.आय. पर ही पहले प्रतिबंध लगाइए !