अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के दूसरे दिन का पहला सत्र
मंदिरों पर हुए इस्लामी और ईसाई अतिक्रमण के आघातों को मान्यवरों ने किया उजागर !
रामनाथी, १३ जून (संवाददाता) – पोर्तुगीज सरकार के कार्यकाल में गोवा के छोटे-बडे २ १ सहस्र से अधिक मंदिर ध्वस्त किए गए । उनमें केवल वरेण्यपुरी (वेरणा) और श्री विजयादुर्गादेवी (शंखवाळी) ये २ मंदिर ही चर्च के आक्रमण से बच सके । अब इन मंदिरों को राज्य पुरातत्व विभाग के अंतर्गत संरक्षित वास्तुओं के रूप में घोषित किए गए हैं; परंतु ऐसा होते हुए भी विगत अनेक वर्षाें से चर्च के माध्यम से इस मंदिर की भूमि हडपने का षड्यंत्र चल रहा है । गोवा के चर्च द्वारा हडप लिए गए मंदिरों की पुनर्स्थापना के लिए हिन्दुओं को एकत्रित होकर लडाई लडनी पडेगी, ऐसा आवाहन गोवा के ‘भारत माता की जय संघ’के राज्य संघचालक प्रा. सुभाष वेलिंगकर ने किया । दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के द्वितीय दिन ‘मंदिरों पर किए गए इस्लामी और ईसाई अतिक्रमण’ विषय पर वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर व्यासपीठ पर वाराणसी के अधिवक्ता मदन मोहन यादव, ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’के प्रवक्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और सनातन के धर्मप्रचारक पू. अशोक पात्रीकर उपस्थित थे ।
इस अवसर पर प्रा. सुभाष वेलिंगकर ने कहा,
१. वरेण्यपुरी (वेरणा) और श्री विजयादुर्गादेवी इन मंदिरों की भूमि हडपने के लिए मंदिर परिसर में स्थित वृक्ष काटना, बाजू में स्थित तालाब को भर देने जैसे अनेक अवैध कृत्य चल रहे हैं । इस संदर्भ में हिन्दू श्रद्धालुओं के शिकायतों की उपेक्षा की जा रही है ।
२. विजयादुर्गादेवी का स्थान पुरातत्व विभाग के पास ‘फ्रंटीस पिस ऑफ सांकवाळ’ इन नाम से संरक्षित है । सरकारी स्तर पर भी इस स्थान का जतन करने के संदर्भ में घोर उपेक्षा की जा रही है ।
३. इस स्थान पर पुरातत्त्व विभाग की अनुमति के बिना किसी प्रकार का काम नहीं किया जा सकता; परंतु ऐसा होते हुए भी यहां धार्मिक कार्यक्रम कर ‘यह भूमि चर्च की है’, ऐसा दिखाने का प्रयास ईसाईयों द्वारा किया जा रहा है ।
४. पिछले १० वर्षाें से चर्च के माध्यम से इस भूमि को हडपने का षड्यंत्र चल रहा है तथा इसका विरोध करनेवाले हिन्दुओं पर झूठे अभियोग प्रविष्ट कर उनका मनोबल गिराने का प्रयास किया जा रहा है ।
५. मंदिर परिसर में स्थित मंदिर के अवशेषों के पत्थरों को जेसीबी की सहायता से भूमि में गाड दिया गया है ।
६. अन्य क्षेत्रों से आनेवाले ईसाई इस परिसर में पदयात्रा निकालकर यहां आते हैं और यह भूमि चर्च की होने का झूठ लोगों पर थोपा जा रहा है ।