Shahabuddin Became Shyamlal : उदास शहाबुद्दीन फिर बन गए श्यामलाल : दरगाह में कव्वाली के स्थान पर सुंदर कांड का पाठ

पहलगाम में आतंकवादी आक्रमण का ऐसा भी प्रभाव

इंदौर (मध्य प्रदेश) – पहलगाम आतंकी हमले से दुःखी शहाबुद्दीन ने न केवल हिन्दू धर्म में वापसी की, अपितु उन्होंने दरगाह परिसर में कव्वाली के स्थान पर सुंदरकांड का पाठ भी किया ।

१. श्यामलाल निनोरी पिछले ४० वर्षों से सैयद निजामुद्दीन दरगाह की सेवा कर रहे थे । इस समय स्थानीय लोगों ने उन्हें मुसलमान मान लिया और उनका नाम शहाबुद्दीन रख दिया । श्यामलाल भी स्वयं को शहाबुद्दीन समझने लगा ।

२. शहाबुद्दीन और उनका परिवार मुसलमानों की भांति रमजान के समय उपवास एवं नमाज पढते थे । इसके उपरांत, वे इस्लाम की सभी धार्मिक मान्यताओं का पालन करते थे । लोग उन्हें ‘दरगावले बाबा’ के नाम से भी जानते थे ।

३. कश्मीर के पहलगाम में जिहादी आतंकवादियों द्वारा आतंकवादी आक्रमण में २८ हिन्दू पर्यटकों की हत्या के उपरांत शहाबुद्दीन ने अपना विचार परिवर्तित कर दिया । स्थानीय पार्षद जीतु यादव की पहल पर उन्होंने पुनः हिन्दू धर्म अपना लिया और पुनः श्यामलाल बन गए ।

४. इसके पश्चात श्यामलाल ने दरगाह परिसर में कव्वाली के स्थान पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया और पहलगाम आक्रमण के पीडितों को श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर पार्षद जीतु यादव सहित बडी संख्या में नागरिक उपस्थित थे ।