पहलगाम में आतंकवादी आक्रमण का ऐसा भी प्रभाव
इंदौर (मध्य प्रदेश) – पहलगाम आतंकी हमले से दुःखी शहाबुद्दीन ने न केवल हिन्दू धर्म में वापसी की, अपितु उन्होंने दरगाह परिसर में कव्वाली के स्थान पर सुंदरकांड का पाठ भी किया ।
Indore: The horror of the terrorist attack in Kashmir has led to a powerful personal transformation.
Shahabuddin does #Gharwapasi and is now Shyam Lal, and the dargah echoes with Sundarkand, a direct response to the tragedy in Pahalgam. 🕉️#MannKiBaat pic.twitter.com/aV7zgl0g4k
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 26, 2025
१. श्यामलाल निनोरी पिछले ४० वर्षों से सैयद निजामुद्दीन दरगाह की सेवा कर रहे थे । इस समय स्थानीय लोगों ने उन्हें मुसलमान मान लिया और उनका नाम शहाबुद्दीन रख दिया । श्यामलाल भी स्वयं को शहाबुद्दीन समझने लगा ।
२. शहाबुद्दीन और उनका परिवार मुसलमानों की भांति रमजान के समय उपवास एवं नमाज पढते थे । इसके उपरांत, वे इस्लाम की सभी धार्मिक मान्यताओं का पालन करते थे । लोग उन्हें ‘दरगावले बाबा’ के नाम से भी जानते थे ।
३. कश्मीर के पहलगाम में जिहादी आतंकवादियों द्वारा आतंकवादी आक्रमण में २८ हिन्दू पर्यटकों की हत्या के उपरांत शहाबुद्दीन ने अपना विचार परिवर्तित कर दिया । स्थानीय पार्षद जीतु यादव की पहल पर उन्होंने पुनः हिन्दू धर्म अपना लिया और पुनः श्यामलाल बन गए ।
४. इसके पश्चात श्यामलाल ने दरगाह परिसर में कव्वाली के स्थान पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया और पहलगाम आक्रमण के पीडितों को श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर पार्षद जीतु यादव सहित बडी संख्या में नागरिक उपस्थित थे ।