Ajmer Dargah Diwan Writes To PM : अजमेर को ‘राष्ट्रीय जैन तीर्थक्षेत्र’ के रूप में घोषित करें !

  • अजमेर दरगाह के दीवान की प्रधानमंत्री मोदीजी से पत्र लिखकर मांग

  • अजमेर दरगाह हिन्दुओं का मंदिर है, ऐसी न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाले हिन्दू सेना द्वारा मांग का समर्थन

अजमेर (राजस्थान) – यहां स्थित ‘ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह’ हिन्दुओं का मंदिर होने का दावा हिन्दू सेना द्वारा न्यायालय में किया गया है । इसपर अभियोग जारी है । इस पृष्ठभूमि पर इस दरगाह के दीवान सय्यद जैनुल आबेदीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी से पत्र लिखकर अजमेर को ‘राष्ट्रीय जैन तीर्थक्षेत्र’ के रूप में घोषित करने की मांग की है । इस मांग का हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने स्वागत किया है ।

दीवान ने कहा है ‘भारत विविध धर्मों का एवं समृद्ध आध्यात्मिक धरोहर का संगम हैं । यह सहस्रो संत, ऋषि एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों की तपस्या का स्थान रहा हैं । मानवता के कल्याण हेतु संतों ने अनमोल योगदान दिया है । अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है, पुष्कर, भगवान ब्रह्माजी का मंदिर एवं तालाब भी हैं । उसी प्रकार आचार्य विद्यासागर का दीक्षास्थान भी इसी नगर में है ।’

मैं दरगाह के दीवान के पत्र का आदर करता हूं ! – विष्णु गुप्ता

विष्णु गुप्ता ने कहा ‘दरगाह दीवान जेनुअल आबेदीन ने न्यूनतम यह तो स्वीकार किया कि यहां जैन मंदिर हैं । दरगाह दीवान के वक्तव्य पर से यह प्रमाणित होता है कि ऐतिहासिक दृष्टि से जैन धर्म के मूल अजमेर में गहराई तक थे । यह बात केवल धार्मिक नहीं, अपितु ऐतिहासिक तथ्यों एवं पुरातत्वीय प्रमाणों से भी संबंधित हैं ।

हमने दावा किया था कि अजमेर दरगाह शिवमंदिर होने के साथ ही जैन मंदिर भी था । दीवान की मांग के कारण हमारा सूत्र दृढ होगा । एक दिन यह भी उजागर होगा कि भगवान शिव का संकटमोचन मंदिर ध्वस्त कर दरगाह का निर्माण किया गया है ।’