Kolhapur Demolition Of Madrasa : हिन्दुओं के विरोध के कारण प्रशासन ने अवैध मदरसा ध्वस्त किया !

  • भारी पुलिस बल की तैनाती के तहत कार्यवाही !

  • हुपरी (जिला कोल्हापुर) में हिन्दू संगठन का आविष्कार !

‘मुस्लिम सुन्नत जमीयत’ ने स्थापित किया अवैध मदरसा

हुपरी (जिला कोल्हापुर), ११ जनवरी (समाचार) – सुन्नत जमीयत नामक संगठन ने कोल्हापूर जिले के हातकणंगले तालुका में सरकारी गैरान भूमि समूह क्रमांक ८४४ / ए / १ में से ११ हेक्टेयर भूमि का एक भूखंड और उस पर संपत्ति क्रमांक ४४८९ का अधिग्रहण कर उसपर मदरसा अवैध रूप से बनाया गया था । संगठन ने कई समय सीमा बीत जाने के बावजूद अपने स्वामित्व अधिकारों के संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है। हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति के श्री. नितिन काकड़े, शिवसेना, बजरंग दल, हिन्दु जनजागृति समिति और अन्य हिन्दुवादी संगठनों द्वारा लगातार प्रश्न उठाने और विरोध के कारण, म.न.पा. प्रशासन ने अंततः कार्रवाई की और ११ जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मदरसा को ध्वस्त कर दिया । इस समय कुछ मुसलमानों ने अपने हाथों में छत्रपति शिवाजी महाराज और भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की तस्वीर लेकर मौन विरोध प्रदर्शन किया ।

मुसलमानों ने किया मौन विरोध प्रदर्शन

इस कार्यवाही को करने के लिए प्रशासन ने पुरी तैयारी के साथ ११ जनवरी की सुबह से ही मदरसा क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था। नगर निगम प्रशासन ने पुलिस संरक्षण में गैरान भूमि पर मदरसे के अवैध निर्माण को हटा दिया। इस कार्यवाही के चलते सुबह से ही शहर की दुकानें बंद हो गई थीं ।

१. इस संबंध में पूर्व में लगातार ज्ञापन देने तथा विभिन्न तरीकों से आंदोलन करने के बावजूद इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई इसलिये श्री नितिन काकड़े, शिवसेना के श्री. राजेंद्र पाटिल, साथ ही बजरंग दल के श्री. प्रशांत सलोखे और श्री. प्रताप भोसले ने २३ सितंबर २०२४ से हुपरी नगर परिषद के सामने भूख हडताल शुरू की थी। इस भूख हड़ताल और हिंदुत्व भक्तों के समर्थन के कारण प्रशासन ने मदरसे का अवैध बिजली कनेक्शन काटने और उसे ‘सील’ करने समेत अन्य कार्रवाई की। इसलिए २५ सितंबर को भूख हड़ताल समाप्त कर दी गई थी ।

२. इसके बाद एक मध्यवर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के कारण देश भर में सभी अवैध निर्माणों के विरुद्ध कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस संबंध में हुपरी नगर परिषद के मुख्य अधिकारी अजय नरले ने ‘सुन्नत जमीयत’ को नोटिस जारी कर उसे यहां निर्माण से संबंधित स्वामित्व दस्तावेज, भवन निर्माण की अनुमति और अन्य संबंधित दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने को कहा । अन्यथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाएगी !

३. इस संबंध में बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद सुन्नी जमीयत ने कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है। प्रशासन ने आखिरकार यह कार्यवाही अवैध निर्माण हटाने की निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद की ।

सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के सहयोग से ही सफलता मिली ! – नितिन काकड़े

हम पिछले ७ वर्षों से यह लड़ाई लड़ रहे हैं। वास्तव में, इस संबंध में ‘सुन्नत जमीयत’ संगठन द्वारा इचलकरंजी स्थित अदालत में दायर दावे को अदालत ने ४ अप्रैल २०१९ को खारिज कर दिया था और अन्य सभी दावों को भी खारिज कर दिया था। अतः यह सिद्ध हो गया कि ‘यह निर्माण अवैध है’। इस संबंध में हमने कई वर्षों से बयानों और विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से यह लड़ाई लड़ी है। सितंबर 2024 में भूख हड़ताल के बाद प्रशासन ने मदरसे को ‘सील’ कर दिया था और बिजली कनेक्शन काट दिया था; हालाँकि, इमारत को ध्वस्त नहीं किया गया। इस संबंध में हमारे द्वारा चलाए गए आंदोलन को विभिन्न हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा समय-समय पर दिए गए समर्थन के कारण ही अंततः ११ जनवरी को प्रशासन द्वारा यह कार्यवाही की गई ।

संपादकीय भूमिका 

प्रशासन को अब मदरसे स्थापित करने और चलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। हिन्दुओं को इसके लिए अपना आंदोलन जारी रखना चाहिए और प्रशासन पर कार्यवाही करने का दबाव बनाना चाहिए ।