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उरण – धर्मांध युवक दाऊद शेख के द्वारा यशश्री शिंदे (आयु २१ वर्ष) इस युवती की अत्यंत विकृत एवं अमानवीय पद्धति से हत्या किए जाने की पृष्ठभूमि पर २८ जुलाई को यहां के गांधी चौक पर सैकडों हिन्दुओं ने आंदोलन किया। इस आंदोलन का रूपांतरण रैली में होकर पुलिस थाने पर रैली निकाली गई । इस आंदोलन में बडी संख्या में युवक-युवतियां सम्मिलित थीं । इस आंदेालन में सम्मिलित युवतियों ने ‘इस प्रकरण में राजनीति किए बिना आरोपी को फांसी दीजिए’, यह जोरदार मांग की । इस अवसर पर मुसलमान महिलाओं ने माध्यमों के सामने आकर ‘यह लव जिहाद ऐसा कोई नहीं है’, यह प्रतिक्रिया देकर ‘नैरेटिव’(झूठी कहानी) फैलाने का प्रयास किया, ऐसा आंदोलन में सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठों ने बताया। उरण में किए गए इस आंदोलन में उद्धव बाळासाहब ठाकरे गुट के पूर्व विधायक मनोहरशेठ भोईर के नेतृत्व में कुछ हिन्दू भी सम्मिलित हुए ।
धर्मांधों की धूर्तताउरण के लव जिहाद की घटना में अत्यंत क्रूरतापूर्ण पद्धति से युवती की हत्या करने के उपरांत हिन्दुओं के क्षोभ से बचने हेतु यहां के धर्मांधों ने बडी धूर्तता दिखाई । एक ओर ‘आरोपी पकडा गया’, यह अफवाह फैलाई गई; परंतु वास्तव में आरोपी दाऊद शेख उत्तरप्रदेश में भाग गया है, ऐसा बताया जा रहा है । दूसरी बात यह कि इस आंदोलन में अनेक धर्मांध महिलाएं भी सम्मिलित हुईं । माध्यमों के प्रतिनिधि जब वहां आए, तब उनके सामने जाकर इन महिलाओं ने कहा, ‘आप इस प्रकरण को सांप्रदायिक रंग न दें। यह लव जिहाद जैसा कुछ नहीं है। हम भी इसकी निंदा करते हैं । आरोपी को फांसी दीजिए ।’’ भयभीत धर्मांधों ने हिन्दुओं की भावनाओं का विस्फोट न हो; इसके लिए सतर्कता के साथ ऐसा कुछ होने से पूर्व ही धर्मांध महिलाओं को आगे बढाकर प्रकरण को रफादफा करने का प्रयास किया, यही इससे ध्यान में आया। |
दाऊद शेख ने इससे पूर्व भी यशश्री को किया था परेशान !
नराधम दाऊद शेख पहले बेंगलुरू तथा वहां से उत्तरप्रदेश भाग गया है, ऐसी जानकारी मिली है। कुछ वर्ष पूर्व दाऊद यशश्री को परेशान करता था, तब यशश्री के अभिभावकों ने पुलिस थाने में शिकायत पंजीकृत करने पर उसे ‘पोक्सो’ (अल्पायु लडकियों पर अत्याचार करने के संबंध में कानून) के अंतर्गत कारावास भोगा था। उसके उपरांत उसने वापस आकर उसकी क्षमा मांगने का नाटक कर उसके साथ मित्रता बढाई । उसके चलित भ्रमणभाष से ये दोनों एक-दूसरे के संपर्क में थे, यह बात पुलिस के ध्यान में आई।
पुलिस की निष्क्रियता !
१. यशश्री जिस दिन लापता हुई, उस दिन अर्थात २५ जुलाई को दोपहर ३ बजे उसने उसकी एक सहेली को ‘मैं संकट में हूं, कोई मेरी सहायता करें’, ऐसा बताया था। यशश्री के अभिभावकों ने यह आरोप लगाया था कि पुलिस को इसकी जानकारी देकर भी उन्होंने इसकी अनदेखी की। (ऐसे जनताद्रोही तथा संवेदनहीन पुलिस क्या कभी हिन्दुओं की रक्षा करेगी ? – संपादक)
२. उरण पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक राजेंद्र कोटे-पाटिल ने बताया, ‘‘इस घटना का लव जिहाद से कोई भी संबंध नहीं है ।’’ (सबकुछ स्पष्ट दिखाई देते हुए भी यदि पुलिस अधिकारी ऐसा बोल रहे हों, तो क्या ऐसे पुलिस प्रशासन के होते हुए हिन्दू लडकियां कभी सुरक्षित रह पाएंगी ? – संपादक)
यशश्री पर पशुवत अत्याचार !
यशश्री का शव रक्तलांछित अवस्था में पडा हुआ था । कुत्ते उसका शरीर काटकर खा रहे थे। उससे उसका चेहरा और भी विरूप हुआ। कुत्तों ने उसके कंधे का मांस खाया । उसकी पीठ तथा कमर पर चाकू के ३ वार थे। उसके स्तन तथा हाथ काटे गए थे तथा चेहरा क्षत-विक्षत हुआ था ।
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नई मुंबई – शिळफाटा की पहाड पर विवाहित महिला के साथ किया गया सामूहिक बलात्कार तथा मुसलमान के द्वारा हिन्दू लडकी की की गई अमानवीय हत्या के विरोध में नई मुंबई में जनआक्रोश मोर्चा निकाला गया । इसमें २९ गांव के सैकडों नागरिक सहभागी हुए । उन सभी ने संबंधित आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें फांसी देने की मांग की है । कोपरखैरणेसहित वाशी के छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर भी मोर्चा निकाला गया ।