केवल मुजफ्फरनगर नहीं, अपितु अब उत्तरप्रदेश राज्य के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिनंदनीय आदेश !
लक्ष्मणपुरी (उत्तरप्रदेश) – राज्य में कावड यात्रा के मार्ग पर स्थित सभी खाद्यपदार्थो की दुकानों के मालिक दुकानों के दर्शनी हिस्से/ भाग पर अपने नाम लिखें, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा आदेश दिया है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कावड यात्रियों की पवित्रता अबाधित रखने हेतु यह निर्णय लिया गया है । इससे पूर्व पुलिसकर्मियों द्वारा मुजफ्फरनगर की दुकानें, ढाबे तथा हाथगाडियों के लिए यह आदेश दिया गया था । विपक्षियों द्वारा इसका विरोध होने लगा, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कावड यात्रा के संपूर्ण मार्ग पर स्थित सभी दुकानों के लिए यह निर्णय लागू किया है । मुख्यमंत्री के आदेशानुसार प्रत्येक खाद्यपदार्थो की दुकान एवं हाथगाडी के चालक को दर्शनी भाग में मालिक का नाम लिखना होगा ।
Owners of food stalls along the Kanwar Yatra routes should put up their names on their shops. – Chief Minister Yogi Adityanath
Not just for Muzaffarnagar, now CM Yogi Adityanath’s commendable order is for the entire state of Uttar Pradesh.
This decision should not be limited to… pic.twitter.com/wcTEqwnuGh
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 19, 2024
इससे पूर्व उत्तरप्रदेश राज्य सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि कुछ मुसलमान विक्रेता अपनी दुकानों को हिन्दू देवी-देवताओं का नाम देकर यात्राओं में मांसाहार का विक्रय कर रहे हैं । वे ‘वैष्णव ढाबा भंडार’, ‘शाकुंभरी भोजनालय आदि नाम देकर मांसाहारी पदार्थो का विक्रय करते हैं । उन्होंने आवाहन किया था कि वे तत्काल नाम परिवर्तन करें।
‘ऑल इंडिया जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना (इस्लाम के अभ्यासक) शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का कावड यात्रा के मार्ग पर स्थित दुकानों के मालिकों के नाम लिखने के राज्य सरकार के आदेश का समर्थन
‘ऑल इंडिया जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना (इस्लाम के अभ्यासक) शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कावड यात्रा के मार्ग पर स्थित दुकानों के मालिकों के नाम लिखने के राज्य सरकार के आदेश का समर्थन किया है । मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि मुजफ्फरनगर तथा सहारनपुर जिले संवेदनशील हैं । इसलिए इन जिलों में उत्तम व्यवस्था रखने का दायित्व पुलिस तथा प्रशासन का है ।
कहीं पर भी संघर्ष निर्माण न होने, यात्रा शांति में संपन्न होने, तथा धार्मिक मित्रता रखने हेतु यह आदेश है । कावड यात्रा पूर्ण रुप से धार्मिक कार्यक्रम है । समाजवादी पक्ष के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस धार्मिक कार्यक्रम को राजनीतिक अखाडे में रूपांतरित किया । अखिलेश यादव राज्य में कावड यात्रा के विषय में हिन्दू -मुसलमान के मध्य संघर्ष की स्थिति उत्पन्न करना चाहते हें । अखिलेश यादव को चाहिए कि वे धार्मिक चीजों में हस्तक्षेप करना रोकें, आपको राजनीति करने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे । इन अवसरों का लाभ लेकर भरपूर राजनीति करें, हमें कोई आपत्ति नहीन है ।
आदेश सभी दुकानदारों के लिए है ! – भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी
प्रसारमाध्यमों से चर्चा करते हुए भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मर्यादित प्रशासकीय मार्गदर्शक तत्त्वों के कारण इस आदेश के संदर्भ में कोलाहल उत्पन्न हुआ था । मुझे आनंद है कि जो कुछ धार्मिक कोलाहल उत्पन्न हुआ था, राज्य सरकार ने उसे दूर किया है । योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसी धर्मविशेष के लोगों को यह सूचना नहीं दी है । यह आदेश सभी दुकानदारों के लिए है । कावड यात्रा की कालावधि मे श्रद्धालु खाने-पीने के अनेक पदार्थ टालते हैं । इसलिए उनकी श्रद्धा का सम्मान करना चाहिए ।
(और इनकी सुनिए..) ‘हिन्दू तथा मुसलमानों में दूरी उत्पन्न होगी !’ – देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी
देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा है कि इस निर्णय से दोनों धर्मियों में दूऱी उत्पन्न होगी तथा धर्मांधो को अवसर मिलेगा । इसलिए वे दुकानों में हिन्दू एवं मुसलमान, ऐसा भेद करेंगे । अत: इस आदेश पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए; क्योंकि आपने देखा होगा कि हिन्दू धर्म के लोग प्रति वर्ष जिस समय कावड यात्रा पर जाते हैं, उस समय मुसलमान उनके लिए विश्रांतिस्थान उत्पन्न करते हैं तथा खाने-पीने की व्यवस्था करते हैं तथा पुष्पवृष्टि भी करते हैं । अब सरकार के आदेश से उनमें दूरी उत्पन्न होगी । (सरकार ने सभी दुकानदारों के लिए यह आदेश दिया है, अत: इस प्रकार की दूरी उत्पन्न होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता । ‘चोर की दाढी में तिनका’ इस न्याय के अनुसार जो मुसलमान अपने दुकानों को हिन्दू देवी-देवताओं का नाम लगाते हैं, ऐसे लोगों को ही इस आदेश से कष्ट होगा । कासमी उनके विरोध मे बात क्यों नहीं करते ? – संपादक)
संपादकीय भूमिकाकेवल कावड यात्रा तक यह निर्णय मर्यादित न रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्थायी रूप से इसके लिए आदेश देना चाहिए, कानून बनाना चाहिए, इतना ही नहीं, अपितु केंद्र सरकार को पूरे देश में भी ऐ्सा कानून लागू करना चाहिए, हिन्दुओं को ऐसा ही प्रतीत होता है ! |