एक ईसाई व्यक्ति की आपत्ति के पश्चात प्रशासन ने एरंडवाने (पुणे) में भवन परिसर में बने दत्त मंदिर को ध्वस्त कर दिया!

हिन्दू भक्तों के संगठित प्रयासों से श्री दत्तगुरु की मूर्ति उसी स्थान पर स्थापित की गई !

मंदिर विध्वंस स्थल पर स्थापित श्री दत्तगुरु की मूर्ति

पुणे – सत्यम इंडस्ट्रियल एस्टेट, एरंडवाने, पुणे में सड़क किनारे एक भवन के परिसर में श्री दत्तात्रेय का एक छोटा मंदिर पिछले ३०–३५ वर्षों से स्थित था; लेकिन एक ईसाई जॉन थॉमस के पत्र पर प्रशासन ने रात १२ बजे दत्तगुरु का मंदिर तोड़ दिया। पुणे नगर निगम ने रात १२ बजे इस मंदिर के विरुद्ध कार्यवाही आरंभ की।

इसका भान होते ही ‘विश्व हिंदू मराठा संघ’ के पदाधिकारी एवं सदस्य घटनास्थल पर आ गए और कार्यवाही रोकने के प्रयास आरंभ कर दिए ।

उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

पुलिस-प्रशासन ने सभी को बंदी बना लिया तथा उक्त मंदिर सड़क पर नहीं होने के पश्चात भी बिना किसी को सूचना दिये मंदिर को तोड़ दिया गया तथा दत्तगुरु की मूर्ति उठा ली गयी । इसके पश्चात सकल हिंदू समाज एवं संगठनों की ओर से तत्काल वहां सड़क बंद आंदोलन किया गया और प्रशासन पर कुछ घंटों के दबाव के बाद श्री दत्तगुरु की मूर्ति को नगर निगम प्रशासन से वापस ले कर उसी स्थान पर स्थापित किया गया ! यह जानकारी वरापेभूषण नाम के ‘इंस्टाग्राम’ अकाउंट से प्रसारित की गई है। यह जानकारी अन्य सोशल मीडिया पर भी प्रसारित की जा रही है और हिंदू भक्तों ने प्रशासन की हिंदू विरोधी कार्यवाही पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है।

उसके पश्चात वहां श्री दत्तगुरु की आरती और छत्रपति शिव राय की शिववंदना का आयोजन किया गया। उसी स्थान पर भव्य मंदिर के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया गया और सभी ने इसमें सहयोग व योगदान देने का निर्णय लिया ! इस पर पुणे नगर निगम की स्थिति अभी समझ में नहीं आ रही है !

संपादकीय भूमिका

हिंदू मंदिरों पर तत्परता से कार्रवाई करने वाला प्रशासन अन्य संप्रदायों के अवैध धर्मस्थलों, दरगाहों, मदरसों या पूजा स्थलों पर कार्यवाही करने से भयभीत क्यों होता है !