वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का तीसरा दिन (२६ जून) : हिन्दू इकोसिस्‍टम

भारत पर अधिराज्य करने के लिए ‘गजवा-ए-हिंद’ कार्यरत ! – मोनिका रेड्डी, संस्‍थापक अध्यक्षा, अहम् टॉक्‍स, भाग्यनगर, तेलंगाना

मोनिका रेड्डी

विद्याधिराज सभागृह – कुरान में ‘गजवा-ए-हिंद’का उल्लेख नहीं । गजवा’का अर्थ है ‘आक्रमण’ ! इस्लाम में भी इसका किसी भी प्रकार का उल्लेख नहीं पाया जाता । तब भी इसका प्रसार भारी मात्रा में किया जा रहा है । ‘गजवा-ए-हिंद’का उल्लेख हदीस (मुहम्मद पैगंबर के कार्य का वर्णन करनेवाले विवरण) में मिलता है । इसका प्रारंभ अफगानिस्तान से होगा । उनका उद्देश्य हिन्द भारत को अपने नियंत्रण में लेना है । अनेक इस्लामी जालस्थलाें से इसका प्रसार किया जाता है । कुछ मुसलमान विचारक ‘गजवा-ए-हिन्द’को नहीं मानते । ‘गजवा-ए-हिंद’ की संकल्‍पना पाकिस्तान की निर्मिति बताई जाती है । ‘गजवा-ए-हिंद’के नाम से ‘जिहाद’ शुरू है । ‘गजवा-ए-हिंद’ के अनुसार इस्रायल को भी नियंत्रण में लेना है ।‘गजवा-ए-हिंद’का उद्देश्य जगभर में अधिराज्य स्थापित करने का है । ‘गजवा-ए-हिंद’ के माध्यम से आतंकवादी कार्रवाहियां चल रही हैं । वर्तमान  में ५० लाख घुसपैठिये भारत में एक उद्देश्य से कार्यरत हैं । यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है । ‘गजवा-ए-हिंद’का जो भूत निर्माण किया गया है; उस विषय में हिन्दुओं को सतर्क रहना चाहिए, ऐसे वक्तव्य तेलंगाना में अहम् टॉक्स की संस्‍थापक अध्यक्षा मोनिका रेड्डी ने किए । वे ‘गजवा-ए-हिंद’से भारत की रक्षा कैसे होगी ?’,इस विषय पर बोल रही थीं ।


शहरी नक्सलवादी धर्म, देश एवं संस्‍कृति के विरोध में अदृश्य शत्रु ! – डॉ. रेणुका तिवारी, उपाध्‍यक्षा, रांची सिटीजन फोरम

डॉ. रेणुका तिवारी

विद्याधिराज सभागृह – शहरी नक्सलवादी और ईसाई प्रचारकों का गठबंधन है । ये शहरी नक्सलवादी हिन्दू धर्म और देश के विकास का विरोध करते हैं । इसलिए वे हिन्दू धर्म, देश और संस्‍कृति विरोधी अदृश्य शत्रु हैं । शहरी नक्सलवादियों ने ‘विचारक’के रूप में माध्‍यमों में स्‍थान निर्माण किया है । सामाजिक माध्‍यमों पर ईसाई समर्थक ‘यू ट्यूबर’ (यू ट्यूब पर चैनल चलानेवाले) की प्रलय ही आ गई है । हमारे लोग उन्हें रोकने में असमर्थ सिद्ध हुए । उनका प्रत्‍येक जिले में ‘यू ट्यूबर’ है । उस माध्‍यम से वे केंद्र सरकार और हिन्दू धर्म के विरोध में दुष्प्रचार कर रहे हैं । उनके ये जाल नष्‍ट करने के लिए हमें भी ‘इकोसिस्‍टिम’ (किसी विचारधारा को सुनियोजित पद्धति से आगे बढानेवाला तंत्र) निर्माण करना आवश्‍यक है । उसके लिए हिन्दू संगठनों को गांव-गांव में अपनी व्‍यवस्‍था निर्माण करनी चाहिए और शहरी नक्सलवादी देश में जो असत्य वातावरण निर्माण कर रहे हैं, उसे उजागर करना चाहिए, ऐसा वक्‍तव्‍य झारखंड के ‘रांची सिटीजन फोरम’की उपाध्‍यक्षा डॉ. रेणुका तिवारी ने ‘वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र महोत्‍सव’के तृतीय दिन की । वे ‘झारखंड के शहरी नक्सलवाद’ पर बोल रही थीं ।
डॉ. तिवारीजी ने कहा, ‘‘नक्सलवादियों ने भारत के १५० जिलों में व्‍यवस्‍था उद़्‍ध्‍वस्‍त की है । वर्ष २०१४ में नरेंद मोदी की सरकार आने के पश्चात नक्सलवादियों पर नियंत्रण पाने के लिए जोरदार प्रयत्न आरंभ हुए । तदुपरांत नक्सलवादियों ने शहरी नक्सलवाद की यह नई व्‍यवस्‍था निर्माण की । इन शहरी नक्सलवादियों के पास पारंपारिक शस्‍त्र तो नहीं; परंतु उससे भी अधिक भयानक प्रसार, प्रचार, लेखन और माध्‍यमों के शस्‍त्र हैं । उनके पास माध्‍यमों से लडने और जंगल के नक्सलवाद का समर्थन करने का सामर्थ्‍य है । उनकी योजनानुसार वे अधिवक्ता, प्राध्‍यापक, महिला और विद्यार्थिंयों को सम्मिलित करने में सफल हुए हैं ।’’


मुसलमानों पर अन्‍याय होने का असत्य कथानक काँग्रेस ने फैलाया !  –  डॉ. एस्.आर. लीला, लेखिका, बेंगळुरू, कर्नाटक

डॉ. एस्.आर. लीला

रामनाथी – सामाजिक एवं राजकीय क्षेत्रों में झूठे कथानक (नैरेटिव) फैलाकर समाज में फूट डाली जा रही है । इन झूठे कथानकों का लोकसभा चुनावों पर जो परिणाम हुआ, वह सभी ने देखा । ‘वर्तमान में भारत में स्वतंत्रता नहीं’, यह कथानक फैलाया जा रहा है । ‘देश को काँग्रेस ने स्वतंत्रता दी’, ऐसा कथानक पहले से ही बना दिया गया था । यह पूर्णरूप से गलत है । काँग्रेस ने स्वतंत्रता नहीं दिलवाई, अपितु देश का विभाजन करवाया । काँग्रेस और मुस्‍लिम लीग भारत के विभाजन के लिए उत्तरदायी हैं । उन्होंने हिन्दुओं की हत्‍याएं करवाईं । उन पर अमानवीय अत्‍याचार किए । ‘भारत में मुसलमानों पर अन्‍याय हो रहा है’, ऐसे झूठा कथानक काँग्रेस ने फैलाया । इस झूठे प्रचार पर प्रतिआक्रमण करनेवाले ‘नैरेटिव’ अब हमें तैयार करना होगा, ऐसा मत कर्नाटक विधान परिषद की भूतपूर्व सदस्‍या और लेखिका डॉ. एस्.आर्. लीला ने यहां व्‍यक्‍त किए । उन ‘हिन्दूविरोधी कथानकों पर प्रतिआक्रमण आवश्‍यक’ इस विषय पर वे बोल रही थीं ।

डॉ. लीला ने आगे कहा, भारत के स्वतंत्रता संग्राम और भारत के निर्माण में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर और सुभाषचंद्र बोस का बहुत बडा योगदान है; परंतु उनके योगदान को जानबूझकर अनदेखा किया गया और काँग्रेस के नेताओं की वाह-वाह करनेवाले झूठे कथानक काँग्रेस के लोगों ने सर्वत्र फैलाए । ‘भारत में मुसलमान अल्‍पसंख्‍यक हैं’, ऐसा भी झूठा कथानक तैयार किया गया; जबकि प्रत्‍यक्ष में मुसलमान अल्‍पसंख्‍यक नहीं हैं । पाकिस्‍तान की तुलना में भारत में अधिक मुसलमान हैं । यदि मुसलमान अल्‍पसंख्‍यक होते, तो उन्होंने बहुसंख्यक हिन्दुओं को चुनौती देने का दुस्साहस न किया होता । यह कथानक पूर्णरूप से असत्य है । इस वास्तविकता को सामने लाने के लिए हमें अभियान चलाना चाहिए ।


आपातकाल में प्रत्येक हिन्दू तक पहुंचनेवाला संपर्कतंत्र निर्माण करना होगा ! – सुश्री प्रियांका लोणे, संभाजीनगर जिला समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

कु. प्रियांका लोणे

विद्याधिराज सभागृह – विश्वभर के ५७ मुसलमान राष्ट्रों ने अपना संपर्कतंत्र विकसित किया है । भारत में अल्पसंख्यकों का संपर्कतंत्र है । इस संपर्कतंत्र के कारण मुसलमान हिन्दुओं के लिए सिरदर्द हो गए हैं । वे हिन्दुओं पर भारी पड रहे हैं । हिन्दुओं को भी ऐसा संपर्कतंत्र निर्माण करना चाहिए । हिन्दूबहुल भागों में कट्टरतावादियों द्वारा हिन्दुओं की शोभायात्राओं पर आक्रमण हो रहे हैं । हिन्दू धर्म पर आघात हो रहे हैं । ये सब रोकने के लिए हिन्दुओं को छोटे-छोटे भागों में संपर्कतंत्र विकसित करना चाहिए । इसके लिए प्रत्येक हिन्दू के घर के दरवाजे के पीछे अस्पताल, अग्निशमनदल, स्थानीय पुलिस थाना, स्थानीय हिन्दुत्वनिष्ठ लोकप्रतिनिधि, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधियों की संपर्कसूची होनी चाहिए । हिन्दुओं का शारीरिक, बौद्धिक, न्यायिक और आर्थिक ‘इकोसिस्टम’ (किसी विचारधारा को सुनियोजित ढंग से आगे बढानेवाला तंत्र) होना चाहिए । हिन्दुओं के मंदिर हमारे संपर्क के केंद्रबिंदु होने चाहिए । संपर्क की बैठकों का मंदिरों में आयोजन करना चाहिए । हिन्दुओं की शौर्य परंपरा है । प्रत्येक हिन्दू तक पहुंचनेवाला संपर्कतंत्र हिन्दुओं को निर्माण करना चाहिए, जो आपातकाल में हिन्दुओं की सहायता करनेवाला होगा । यह संपर्कतंत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में भी हमें उपयोगी होगा, ऐसा वक्तव्य हिन्दू जनजागृति समिति की संभाजीनगर जिला समन्‍वयक कु. प्रियांका लोणे ने ‘आपातकालीन संपर्कतंत्र : काल की आवश्यकता’ इस विषय पर किंया ।