हलाल प्रमाणपत्र और उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका !

याचिकाकर्ता विभोर आनंद का अभिनंदन ! वास्तव में ऐसी याचिका प्रविष्ट करने की नौबत राष्ट्रप्रेमियों एवं धर्मप्रेमियों पर नहीं आनी चाहिए । सरकार को स्वयं भारतीय अर्थव्यवस्था को समानांतर हलाल अर्थव्यवस्था एवं उसके लिए दिया जानेवाला हलाल प्रमाणपत्र बंद करने के लिए कदम उठाना चाहिए !

हम स्वयं हलाल प्रमाणित उत्पाद का उपयोग नहीं करेंगे एवं अन्यों में भी जागृति करेंगे – महेश्वरी समाज, रांची द्वारा संकल्प

इस्लामी अर्थव्यवस्था अर्थात ‘हलाल इकोनॉमी’ को बहुत ही चतुराई के साथ धर्मनिरपेक्ष भारत में लागू किया गया । हलाल आधारित इस्लामी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पुराने नियम तोड-मरोडकर हलाल संकल्पना को व्यापक बनाया जा रहा है ।