अमेरिका ने अफगानिस्तान के साथ युद्ध करने हेतु ओसामा बिन लादेन का उपयोग किया ! – तालिबान
अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो भी कुछ किया, वह समर्थनीय नहीं है; परंतु तालिबान भी जो आतंकी गतिविधियां चला रहा है, उनका भी समर्थन नहीं किया जा सकता ।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो भी कुछ किया, वह समर्थनीय नहीं है; परंतु तालिबान भी जो आतंकी गतिविधियां चला रहा है, उनका भी समर्थन नहीं किया जा सकता ।
‘भारत में भी तो ऐसा नहीं हुआ ?’ यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जांचना आवश्क !
पाकिस्तान को ‘काश्मीर’ अफगानिस्तान के समान लगा है क्या ? ऐसे पाक को सबक सिखाने का यही सही समय है इसके लिए भारत सरकार को कदम उठाना चाहिए !
यह ध्यान रखें कि, जब तक भारत पाकिस्तान को नष्ट नहीं करता, तब तक इस प्रकार के आतंकवादी कृत्य होने की संभावना सदैव ही बनी रहेगी !
शहरी नक्सलवाद के प्रकरण में बंदी बनाए गए आरोपियों के संबंध में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण का चौंकाने वाला खुलासा !
मुसलमान आक्रमणकारियों ने भारत पर आक्रमण कर हिन्दुओं पर अत्याचार किए । उसके पश्चात, ‘ईसाई’ अंग्रेजों ने भी हिन्दू धर्म समाप्त करने का प्रयास किया । इसलिए, ये दोनों हिन्दू विरोधी हैं, यह ध्यान रखें !
पुतिन को जो समझ में आता है ,वो भारत को भी समझना चाहिए अन्यथा अफगानी निर्वासितों को आश्रय देने के प्रयास में तालिबानी भारत में घुसेंगे !
जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है, तबसे तालिबान विरोधी अफगान पंजशीर घाटी में एकत्रित हो रहे हैं । इनमें अधिकांश अफगान राष्ट्रीय सेना के सैनिक हैं ।
केंद्र में भाजपा की सरकार होते हुए जम्मू-काश्मीर में इतनी बडी मात्रा में अपनी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं की हत्या होना अपेक्षित नहीं । काश्मीर की स्थिति बदलने के लिए अधिक कठोर निर्णय और कृति करने की आवश्यकता है !
ऐसे अंतर्राष्ट्रीय व्यासपीठ पर भारत पाक और चीन का नाम लेने में क्यों हिचकिचाता है ? ‘शत्रु देशों का नाम लेने में हिचकिचाने वाले उसको समाप्त कैसे करेंगे ?’ ऐसा प्रश्न जनता के मन में आने पर आश्चर्य क्या ?