‘जैश-ए-मुहम्मद’ के संस्थापक आतंकवादी मसुद अजहर को ‘साहेब’ संबोधित किया !
कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ‘ओसामाजी’ कहना, ‘वर्ष २००१ में संसद पर हुए आक्रमण के सूत्रधार मुहम्मद अफजल का प्रकरण ठीक से नहीं निपटाया’, ऐसा आरोप लगाना ! वर्ष १९९३ के बमविस्फोट के अपराधी याकुब मेमन को फांसी का दंड न हो, इसलिए अंत तक प्रयास करना, आतंकवादी मसुद अजहर को ‘साहब’ संबोधित करना, कांग्रेसी नेताओं का जिहादी आतंकवादियों का समर्थन करने का इतिहास ऐसा ही है ।