आगामी आपातकाल की तैयारी के रूप में, साथ ही सदैव के लिए स्वयं के घर में न्यूनतम २ – ३ तुलसी के पौधे लगाएं !

हिन्दू धर्म और आयुर्वेद में तुलसी को अत्यधिक महत्त्वपूर्ण बताया गया है । तुलसी में श्रीविष्णु तत्त्व होता है । धर्मशास्त्र कहता है कि ‘प्रत्येक घर में तुलसी होनी ही चाहिए ।’ तुलसी असंख्य विकारों में उपयोगी है ।

विश्वयुद्ध, भूकंप आदि आपदाओं का प्रत्यक्ष सामना कैसे करें ?

दो सुनामी लहरों में बहुधा कुछ मिनटों अथवा घंटों का अंतर हो सकता है । इसलिए पहली सुनामी की लहर आने के पश्चात भी आगे आनेवाली संभावित बडी लहरों का सामना करने की तैयारी रखें ।

दैनिक, साप्ताहिक एवं पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित होनेवाले लेख अब जालस्थल (वेबसाइट) की एक ही ‘लिंक’ द्वारा देखने की सुविधा उपलब्ध !

‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों के जालस्थल (वेबसाइट) पर नियतकालिकों में प्रकाशित किए जानेवाले लेख जालस्थल की विविध ‘कैटेगरीज’ में विभाजित किए गए हैं । इनमें अंतरराष्ट्रीय / राष्ट्रीय / राज्यस्तरीय / स्थानीय समाचार, राष्ट्र-धर्म लेख, साधना, अनुभूति इत्यादि विविध ‘कैटेगरीज’ का समावेश है ।

धनतेरस के निमित्त धर्मप्रसार के कार्य हेतु ‘सत्पात्र दान’ कर श्री लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करें !

‘२.११.२०२१ को ‘धनतेरस’ है । ‘धन’ अर्थात शुद्ध लक्ष्मी ! इस दिन मनुष्य के पोषण हेतु सहायता करनेवाले धन (संपत्ति) की पूजा की जाती है । सत्कार्य हेतु धन अर्पण करना, यही श्री लक्ष्मी की खरी पूजा है ।’

रामनाथी, गोवा स्थित सनातन आश्रम में ‘सोनोग्राफी’ यंत्र की आवश्यकता !

वर्तमान में आश्रम के रोगी-साधकों को ‘सोनोग्राफी’ जांच हेतु ४ कि.मी. अंतर पर स्थित फोंडा शहर अथवा २० कि.मी. अंतर पर स्थित मडगांव शहर में निजी स्थानों पर भेजना पडता है । इसलिए अब रामनाथी आश्रम में ‘सोनोग्राफी जांच यंत्र’ उपलब्ध होना अति आवश्यक है ।

‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ में सक्रिय सहभाग लेकर ईशकृपा संपादित करें !

स्वयं ग्रंथ खरीदने के साथ ही मित्र-परिवार और अन्य परिचितों को भी ग्रंथ खरीदने के साथ ही उसका प्रचार करने के लिए प्रेरित करें !

बडी मात्रा में सनातन के आध्यात्मिक ग्रंथ खरीदनेवालों की जिले के अंतर्गत प्रविष्टि रखकर उन तक सनातन के नूतन प्रकाशित ग्रंथ पहुंचाने की व्यवस्था करें !

एक ही समय में १० अथवा उससे अधिक ग्रंथ खरीदनेवाले ऐसे जिज्ञासुओं की अलग सूची जिले में बनाएं । साथ ही जब सनातन का कोई नूतन ग्रंथ प्रकाशित हो, तब उन्हें संपर्क कर वह नूतन ग्रंथ दिखाने की व्यवस्था करें ।

सनातन-निर्मित सर्वांगस्पर्शी आध्यात्मिक ग्रंथसंपदा सर्व भारतीय और विदेशी भाषाओं में प्रकाशित हो, इस हेतु ग्रंथ-निर्मिति की व्यापक सेवा में सहभागी हों !

‘वेद, उपनिषद, पुराण आदि धर्मग्रंथ गत सहस्रों वर्षाें से मार्गदर्शन कर रहे हैं, इसके साथ ही सनातन के ग्रंथ आगे सहस्रों वर्ष मानवजाति का मार्गदर्शन करेंगे’, ऐसा आशीर्वाद एक संत ने दिया है ।

‘सैनिटाइजर’ ज्वलनशील रसायन होने से उसका उपयोग सावधानीपूर्वक करें !

वर्तमान में नवरात्रोत्सव के काल में (नित्य ही) हाथ में ‘सैनिटाइजर’ लगाकर नीरांजन पर हाथ घुमाकर आरती ग्रहण न करें । उदबत्ती (अगरबत्ती), दीपस्तंभ अथवा रसोईघर का चूल्हा इत्यादि प्रज्वलित करने के पहले हाथ धोने हों, तो साबुन से ही हाथ धोएं ।

सनातन के आश्रम और सेवाकेंद्र में रहनेवाले साधकों को आपातकाल में तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होने हेतु ३ एंबुलेंस की आवश्यकता !

गंभीर स्थिति के रुग्ण को चिकित्सालय में ले जाना अथवा अधिक कुशलता के चिकित्सकीय उपचार हेतु अन्यत्र स्थलांरित करना, इन कार्याें के लिए रुग्णवाहिका तत्काल और सहज उपलब्ध होना अनिवार्य है ।