श्रीलंका के मंत्री जीन थोंडामन का बयान
कोलंबो (श्रीलंका) – कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका की सीमा में आता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्रीलंका से अच्छे संबंध हैं । अभी तक भारत ने कच्चाथिवु द्वीप की वापसी के संबंध में हमारे सामने कोई आधिकारिक स्थिति प्रस्तुत नहीं की है । श्रीलंका के मंत्री जीन थोंडामन ने कहा कि यदि भारत ऐसा कोई रुख अपनाता है तो हमारा विदेश मंत्रालय इसका उत्तर देगा । ३ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर श्रीलंका के पास कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को देने का आरोप लगाया था । जब थोंडामन से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने उपरोक्त उत्तर दिया ।
सीमाएं नहीं बदली जा सकती क्योंकि सरकार बदल गई है ! – एक और मंत्री का बयान
एक अन्य मंत्री ने भारत में एक अंग्रेजी अखबार के संवाददाता द्वारा पूछे गए प्रश्न का, नाम न छापने की शर्त पर उत्तर देते हुए कहा कि जो भी हो; लेकिन अब कच्चातिवु श्रीलंका की सीमा में है । एक बार ये सीमाएँ निश्चित हो जाने के उपरांत, इन्हें केवल इसलिए नहीं बदला जा सकता क्योंकि किसी देश की सरकार बदल जाती है । श्रीलंका के मंत्रीमंडल में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है । इस संबंध में भारत की ओर से हमसे संपर्क नहीं किया गया है ।
मंत्री ने आगे कहा कि अगर कच्चातिवु का सूत्र तमिल समुदाय के बारे में है, तो तमिल जनता दोनों देशों में हैं । यदि यह तमिल मछुआरों का सूत्र है, तो दोनों बातों का संबंध जोड़ना गलत है; क्योंकि भारतीय मछुआरों के संबंध में वास्तविक समस्या उनके द्वारा भारतीय समुद्री सीमाओं के बाहर ’बॉटम ट्रॉलर’ (मछली पकड़ने वाली नौकाओं) का उपयोग करने के संदर्भ में है। यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों के तहत अनधिकृत है ।