CPI(M) MANIFESTO : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के घोषणापत्र में भारत के परमाणु हथियारों को नष्ट करने और देश को शक्तिहीन बनाने का संकल्प  !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की सी.पी.आई.(मा) की आलोचना !

बाडमेर (राजस्थान) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एक चुनावी सभा में देश में परमाणु हथियार नष्ट करने के मार्क्सवादी कम्युनिस्ट दल के घोषणापत्र की आलोचना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जहां भारत के २ पडोसी (पाक और चीन) परमाणु हथियारों से सज्ज हैं, वहीं विपक्ष भारत को शक्तिहीन बनाना चाहता है। विशेषत: कम्युनिस्ट दल । अपने घोषणापत्र में, दल ने ‘परमाणु और सामूहिक विनाश के अन्य शस्त्रों सहित रासायनिक और जैविक हथियारों को पूर्णरूपेण समाप्त करने’ का प्रण किया है। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि उसके सहयोगी किस के आदेश से ऎसी राष्ट्र घातक कृति कर रहे हैं ? ये कैसा गठबंधन है ? क्या भारत शक्तिहीन है? एक ओर हमारी सरकार भारत को एक प्रचंड शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने के लिए दृढ संकल्प से कार्यरत  है, वहीं दूसरी ओर ‘इंडी’ गठबंधन ने भारत को एक शक्तिहीन देश बनाने की योजना की घोषणा की है।

सी.पी.आई. (मा) के घोषणापत्र में भारत विरोधी आश्वासन!

१. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के ‘क्वाड’ समूह से भारत को बाहर निकालेंगे ।

२. भारतीय उपमहाद्वीप के सभी सैन्य केंद्र बंद कर दिये जायेंगे। विशेषत: हिंद महासागर में डिएगो कराकस स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डा।

३. भारत के सभी प्रकार के परमाणु शस्त्र पूर्णरूपेण नष्ट किए जायेंगे। साथ ही, भारत से सभी प्रकार के सामूहिक विनाश के शस्त्र , रासायनिक शस्त्र और जैविक शस्त्र पूर्णरूपेण समाप्त किए जाएंगे।

४. अंतरिक्ष स्टेशनों और ध्रुवीय क्षेत्रों के सैन्यीकरण का विरोध करेंगे।

५. अमेरिका के साथ देश की संप्रभुता और हितों का उल्लंघन करने वाले सभी प्रकार के रणनीतिक संबंध समाप्त कर दिए जाएंगे।

६. इजराइल के साथ सभी रणनीतिक, सुरक्षा और सैन्य संबंध समाप्त कर दिए जाएंगे।

७. संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के विरुद्ध प्रतिबंध की मांग करेंगे।

८. सीमा विवाद को सुलझाने और सभी तरह के संबंधों को बढावा देने के लिए चीन के साथ चर्चा  करेंगे।

९. सभी विवादित विषयों को सुलझाने के लिए पाकिस्तान से वार्ता करेंगे।

संपादकीय भूमिका 

अब तक लोगों को यह मांग कर देनी चाहिए थी कि, ऐसे राष्ट्र घातकी आश्‍वासन दे करके लोगों से मत मांगने वाले दल पर प्रतिबंध लगाया जाए और उसके नेताओं को कारागार में भेजा जाए। भारतीयों द्वारा ऐसी मांग न होना अत्यंत लज्जास्पद है!