|
दरगाह के दरवाजों पर आज भी स्वस्तिक चिन्ह दिखाई देते हैं !
जयपुर (राजस्थान) – अजमेर का ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह, अथार्त अजमेर दरगाह पहले हिन्दू मंदिर था । इसलिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से (‘ए.एस्.आई.’ की ओर से) इस स्थान का सर्वेक्षण करने की मांग की गई है ।
Hindu organizations in Rajasthan demand Chief Minister Bhajan Lal Sharma to order archaeological survey of Ajmer Dargah, originally a Hindu temple.
Complaints against Hindu organizations by the Dargah authorities.
Swastika symbols still visible on the doors of the Dargah.… pic.twitter.com/jTnDIu2AF7
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 29, 2024
महाराणा प्रताप सेना और हिन्दू शक्ति दल ने राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर सर्वेक्षण की मांग की है । इसके अतिरिक्त सर्वेक्षण करने के लिए जिलाधिकारी को भी निवेदन दिया गया है ।
🚨 'अजमेर दरगाह नहीं मंदिर है, चिश्ती ने हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया..'
सड़क पर खड़े #Hindu लोगों की बात सुनिए #Video pic.twitter.com/2lKwKGJyW0— Kreately.in (@KreatelyMedia) February 23, 2024
दरगाह के दरवाजों पर आज भी स्वस्तिक चिन्ह दिखाई देते हैं !
महाराणा प्रताप सेना के अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह परमार ने कहा कि ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का दरगाह पहले शिवमंदिर था । यह मंदिर मुसलमान आक्रमकों ने ध्वस्त किया और यहां दरगाह बनाया । दरगाह के दरवाजों पर आज भी स्वस्तिक चिन्ह दिखाई देते हैं । स्वस्तिक चिन्ह दर्शाता है कि यह स्थान हिन्दुओं का है ।
Hindutva outfit lays claim over Ajmer Sharif, says Dargah is made upon an old Hindu temple. Demand of ASI survey.
See link: https://t.co/kEFEqKvSKb
Attn: @rashtrapatibhvn @AmitShah @BhajanlalBjp @Rajvardhan_mps @GurudathShettyK @Saunak31 @Vaikhuntavasi @Ramesh_hjs @DIPRRajasthan— Hindu Existence (@HinduExistence) February 7, 2024
दरगाह के दिवान और खादिम ने प्रविष्ट किया परिवाद !
इस मामले में दरगाह के दिवान जैनुअल अबेदिन के बेटे सय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने दरगाह पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट (दाखिल) किया है । साथही धार्मिक भावनाएं भडकाने के प्रयत्न रोकने की मांग करते हुए दरगाह के खादिम (सेवक) शकील अब्बासी ने अजमेर के क्लॉक टॉवर पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट किया है । दरगाह पुलिस थाने के पुलिस अधिकारी नरेंद्र जाखड ने कहा कि नसीरुद्दीन ने किए परिवाद के अनुसार हिन्दू शक्ति दल ने दरगाह को मंदिर कहते हुए धार्मिक भावनाएं भडकाने का प्रयत्न किया है ।
यह मामला अल्पसंख्यक आयोग तक जा पहुंचा है । आयोग ने इस मामले में अजमेर जिला प्रशासन से पूरे सप्ताह का ब्योरा मंगवाया है । खादिमों के प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त जिलाधिकारी को निवेदन देकर दरगाह संबंधी की जा रही टिप्पणी पर रोक लगाने की मांग की है ।