Haldwani Violence : समाजवादी पक्ष नेता के भाई जावेद सिद्दीकी बंदी बनाए गए

  • हल्द्वानी (उत्तराखंड) में हुए हिंसाचार का प्रकरण ।

  • समाजवादी पक्ष के अन्य नेता भी हिंसा में हुए थे सम्मिलित !

हलद्वानी (उत्तराखंड) – समाजवादी पक्ष नेता मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी को हलद्वानी में हिंसा भडकाने के आरोप में बंदी बनाया गया है। अन्वेषण से ज्ञात हुआ कि अब्दुल मलिक ही इस हिंसाचार का मुख्य सूत्रधार था। प्रशासनिक अधिकारी जिस अवैधानिक मदरसे को तोडने गए थे वह मदरसा अब्दुल का था। इसके साथ ही समाजवादी पक्ष के कुछ अन्य नेताओं के नाम भी सामने आए हैं। इन्हीं में से एक हैं अरशद अयूब। हिंसाचार में बनभूलपुरा से पार्षद जीशान परवेज भी सम्मिलित हैं।

१. हलद्वानी में संचार बंदी  हटा दी गर्इ है; यद्यपि , बनभूलपुरा, जहां हिंसा हुई थी, वहां संचार बंदी अभी भी लगी हुई  है।

२. सी.सी.टीवी. की सहायता से दंगाइयों की पहचान की जा रही है। ड्रोन के द्वारा परिसर का निरीक्षण किया जा रहा है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बडी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

३. ऐसा कहा जा रहा है कि दंगाई धर्मांध कट्टरपंथी मुसलमान अवैध शस्त्रों के साथ सडकों पर उतरे   और उन्होंने अनेक निर्दोष लोगों की जघन्य हत्या की ।

मारे गए लोगों में २ हिंदू भी समाहित

हलद्वानी हिंसा में मारे गए लोगों में २ हिंदू भी समाहित हैं। एक का नाम अजय और दूसरे का नाम प्रकाश कुमार है। दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। प्रकाश की हत्या कर उसका शव रेलवे लाईन पर फेंक दिया गया था। अजय को उस समय गोली मारी गयी जब वह औषधी लेने के लिए घर से बाहर गये थे। यहां कहा जा रहा है कि इन दोनों को पुलिस की गोली लगी है; किन्तु जैसा कि उजागर  हुआ कि पुलिस ने गोली चलाई ही नहीं, इस का अर्थ है कि ‘धर्मांध कट्टरपंथी मुसलमानों  की गोली बारी में ही ये दोनों मारे गए हैं।’

सूचना है कि दंगाई जंगल में छिपे हैं

पुलिस द्वारा दंगाइयों का शोध प्रारंभ करने के उपरांत दंगाई जंगल में छिप गए हैं, ऐसा कहा जारहा है। इसके कारण वन विभाग ने जंगलों में गश्त प्रारंभ कर दी है। वन विभाग के एक अधिकारी गौला चंदन  ने कहा, “वन क्षेत्र की सुरक्षा और संदिग्धों की घुसपैठ को रोकने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।”

संपादकीय भूमिका 

  • समाजवादी पक्ष ये एक और मुस्लिम लीग बन गया है एवं अब हिंदुओं को इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनी चाहिए !
  • ‘देश में मुसलमान असुरक्षित हो गए हैं’ कहने वाले पाखंडी नास्तिक और पूरो(अधो)गामी किस बिल में छुपे हुए हैं ?
  • क्या इस्लामिक देशों के संगठन को भारत में धर्मांध कट्टर मुसलमानों द्वारा की जाने वाली हिंसा दिखाई नहीं देती ?
  • जिस प्रकार से चीन ने अपने देश में उघूर मुसलमानों को सुधारगृहों में रखकर उन्हें ‘सुधारने’ प्रयत्न किया है, यदि कोई भारत में भी वैसा ही करने की मांग करे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए !