बेंगलुरु (कर्नाटक) – श्री राम मंदिर में श्री रामलला की मूर्ति के लिए उपयोग किए पत्थर की आपूर्ति करने वाले व्यक्ति पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अवैध खनन के लिए ८०,००० रुपये का जुर्माना लगाया है । उसका नाम श्रीनिवास नटराज है तथा वह खनन का ठेका लेता है । सरकार द्वारा लगाया गया जुर्माना भरने के लिए नटराज को अपनी पत्नी के गहने भी गिरवी रखने पड़े ।
१. हारोहल्ली-गुज्जेगौदानपुरा गांव के रहने वाले नटराज को रामदास नाम के किसान ने अपने खेत से चट्टानें निकालने का ठेका दिया था । इस भूमि की एक बड़ी चट्टान को नटराज ने तीन पत्थरों में विभाजित कर दिया था । इन्हीं पत्थरों में से एक पत्थर अरुण योगीराज ने श्री रामलला की मूर्ति के लिए चुना था ।
२. नटराज ने कहा, मैंने तो केवल चट्टानें साफ कीं; लेकिन खान एवं भूतत्व विभाग ने अवैध खनन का आरोप लगाते हुए जुर्माना लगा दिया । मैं इस प्रकरण में किसी के द्वारा सहायता मिलने की प्रतीक्षा कर रहा हूं ।
जिस भूमि से श्री रामलाल की मूर्ति के लिए पत्थर प्राप्त हुआ था, वहीं पर श्री राम मंदिर भी बनेगा !
यह पत्थर ७० वर्षीय दलित किसान रामदास की भूमि से निकाला गया था । अब वे यहां श्रीराम मंदिर बनाने जा रहे हैं ।’ रामदास ने कहा कि दक्षिण में अंजनेय का मन्द़िर है । अंजनेय की मूर्ति उस स्थान को देख रही है जहां से श्री रामलला की मूर्ति के लिए पत्थर निकाला गया था । इसलिए मैंने वहां श्रीराम का मंदिर बनाने के लिए ४ गुंठा भूमि दान करने का निर्णय लिया है । इस मंदिर के लिए श्रीराम की मूर्ति बनाने के लिए हम श्री अरुण योगीराज से मिलने वाले हैं ।
संपादकीय भूमिकाअगर कोई कहे कि ‘कर्नाटक में कांग्रेस सरकार रावण की सरकार है’ तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए ! |