नई देहली – देश के न्यायालयों में ५ करोड से भी अधिक अभियोग प्रलंबित है, ऐसी जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी ।
कानून मंत्री ने दी जानकारी
१. १ दिसंबर तक देश के न्यायालयों में ५ करोड ८ लाख ८५ सहस्र ८५६ अभियोग सुनवाई होने शेष हैं । उनमें से २५ उच्च न्यायालयों में ६१ लाख से भी अधिक अभियोग प्रलंबित हैं ।
२. वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में ८० सहस्र अभियोग प्रलंबित हैं । १ जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय में प्रलंबित दावों की संख्या ६९ सहस्र ७६६ थी, जो १ दिसंबर को ८० सहस्र से भी अधिक है । ३ वर्ष पहले प्रलंबित दावों की संख्या १० सहस्र से बढने के लिए मार्च २०२० से जुलाई २०२३ तक का समय लगा था ।
३. भारतीय न्यायव्यवस्था में कुल अधिकृत न्यायाधिशों की संख्या २६ सहस्र ५६८ है । सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्तियों की संख्या ३४ है । इसी समय उच्च न्यायालयों में न्यायमूर्तियों की संख्या १ सहस्र ११४ है । जिला और कनिष्ठ न्यायालयों में न्यायाधिशों की अधिकृत संख्या २५ सहस्र ४२० है ।
४. वर्ष २०२३ में सर्वोच्च न्यायालय ने १५ जून तक ‘वीडियो कॉन्फेरेंसिग’ द्वारा १ लाख ८० सहस्र अभियोगों की सुनवाई की । इसमें कुल १ लाख ८२ सहस्रों से अधिक अभियोगों में अंतिम निर्णय हो सका ।
संपादकीय भूमिकाप्रलंबित अभियोगों की संख्या में प्रतिदिन वृद्धि ही हो रही है । इन्हें पूरा करने के लिए शासनकर्ता, न्यायप्रणाली और जनता को सामूहिक प्रयत्न करना आवश्यक है ! |