हजारीबाग (झारखंड) – ८ अक्टूबर को राजधानी रांची से शौर्य जागरण यात्रा से लौटनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं पर हजारीबाग में एक मस्जिद के निकट कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा पथराव करने की घटना हुई । तब पुलिस के तुरंत वहां पहुंचने से बडी हानि टल गई । पथराव में एक महिला के साथ १० लोग घायल हुए हैं । इसके पूर्व रांची में भी ऐसी ही घटना हुई थी । हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘इस प्रकरण की छानबीन की जा रही है । पथराव करनेवालों को पहचान लिया गया है और शीघ्र ही उन्हें बंदी बनाया जाएगा ।’ कट्टरपंथी मुसलमानों ने दावा किया है कि मस्जिद के सामने आकर हिन्दुओं की बस रुकी और वे धार्मिक घोषणाएं देने लगे ।’ (क्या ऐसा नियम है कि मस्जिद के सामने कोई घोषणा न दें ? और यदि कोई घोषणाएं देता है, तो क्या उस पर पथराव करना चाहिए ? यदि ऐसी मानसिकता है, तो उसका विचार हिन्दुओं को भी करना पडेगा ! ऐसा किसी को भी लग सकता है ! – संपादक)
संपादकीय भूमिका‘मस्जिद अर्थात हिन्दुओं पर आक्रमण का स्थान’, अब ऐसी नई परिभाषा करनी होगी ! कहा जाता है कि, ‘इस्लाम अर्थात शांति’; परंतु उनकी मस्जिदें अशांति निर्माण कर रही हैं ! |