शिवमोग्गा (कर्नाटक) में ईद की शोभायात्रा पर अज्ञातों द्वारा पथराव किया जानेपर मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं के घरों पर पथराव !

  • लाठी चलाकर पुलिस ने परिस्थिति को नियंत्रण में लाया !

  • विधिविरूद्ध जमावबंदी (गैरकानूनी सभा) के आदेश लागू !

  • टिपू सुलतान द्वारा हिन्दू योद्धा की हत्या दिखानेवाला बडा फलक पुलिस ने ढंक दिया !

बेंगलुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक के शिवमोग्गा के शांतिनगर क्षेत्र में रात को मुसलमानों ने ईद के अवसर पर निकाली शोभायात्रा पर अज्ञातों द्वारा हुए पथराव के उपरांत यहां के हिन्दुओं के घरों पर पथराव किया गया । पुलिस को इस समय लाठी चलानी पडी । तदुपरांत इस क्षेत्र में विधिविरूद्ध जमावबंदी (गैरकानूनी सभा) के आदेश लागू किए गए है । अभी यहां पर बडी मात्रा में पुलिस प्रबंध किया गया है । ईद की शोभायात्रा यहां के रागीगुड्डी क्षेत्र में पहुंचने पर यह घटना घटी ।

इस क्षेत्र में मुसलमानों ने टिपू सुलतान का फलक लगाया था । इसमें टिपू सुलतान एक हिन्दू योद्धा की हत्या करते हुए दिखाया था । पुलिसने कपडे से यह फलक ढंक दिया । इस घटना को लेकर यहां तनाव उत्पन्न हुआ । इसलिए पुलिस ने अधिक पुलिसकर्मियों को वहां बुलाया । कुछ समय पश्चात एक मुसलमान युवक ने इस फलक पर अपने रक्त से ‘शेर टिपू’ लिखा । तत्पश्चात शोभायात्रा प्रारंभ हुई । अज्ञातों द्वारा शोभायात्रा पर पथराव होने पर शोभायात्रा में सम्मिलित मुसलमानों ने यहां के हिन्दुओं के घरों पर पथराव किया । पुलिस ने लाठी चलाकर मुसलमान समूह को वहां से हटा दिया । इसमें ४ लोग घायल हुए । उन्हें चिकित्सालय में भर्ती किया गया है ।

(और इनकी सुनिए …) ‘क्या शिवमोग्गा में ऐसी घटना पहली बार हो रही है ?’

कांग्रेस सरकार के गृहमंत्री जी. परमेश्वर का दायित्वशून्य वक्तव्य !

जी. परमेश्वर

इस घटना के संदर्भ में राज्य के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए कहा कि,

. इस घटना में ४ लोगों को बंदी बनाया गया है । उनके नाम यद्यपि मैं जानता हूं, आप को नहीं बताऊंगा । (यह स्पष्ट है कि दंगा धर्मांध मुसलमानों ने किया है और कांग्रेसवाले उनके रक्षक हैं, इसलिए परमेश्वर उनके नाम नहीं बताएंगे ! – संपादक) उनपर कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।

. क्या शिवमोग्गा में पहली बार ऐसा हो रहा है ? (‘पहली बार नहीं हो रहा’, इसका अर्थ है कि यहां सदैव ऐसा होता आ रहा है । इससे स्पष्ट होता है कि पुलिस और शासनकर्ताओं की निष्क्रियता के कारण ही शिवमोग्गा में ऐसी घटनाएं सदैव होती रहती है । तब भी शासनकर्ताओं को ऐसा बताने में लज्जा नही आती ! – संपादक) घटना को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस समर्थ है । वहां तनाव है, यह पहले से ही पता था । शोभायात्रा के आने पर कुछ तो होनेवाला है, इस बात का पता होने से बडा दंगा नहीं हुआ । उसे नियंत्रित किया गया है ।

. फलक, भित्तिपत्रक लगाकर दंगे को प्रोत्साहित किया जाता है । पूरे राज्य में ऐसी घटनाएं हुई हैं । उसपर हमने नियंत्रण पाया है । पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को बंदी बनाया है । अभी की घटना में कुछ भी अहितकारी नहीं होने दिया है । दोनों समुदायों को चेतावनी दी गई थी । इसका उल्लंघन करने पर स्वाभाविक है कि उनपर कार्यवाही की जाएगी ।

संपादकीय भूमिका

  • ‘क्या हिन्दुओं पर जानबूझकर आक्रमण करने हेतु ईद की शोभायात्रा पर पथराव करने का षड्यंत्र धर्मांध मुसलमानों ने रचा था ?’, इसकी पूछताछ होनी चाहिए !
  • फलक ढंकने से क्या टिपूप्रेमियों की धर्मांधता नष्ट होगी ? फलक ढंकने के स्थान पर ऐसे भडकाऊ फलक लगानेवाले धर्मांधों पर कार्यवाही करने का साहस पुलिस क्यों नहीं दिखाती ?