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लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – २९ दिसंबर को यहां महापालिका के दल पर २०० से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों की भीड ने हमला कर दिया। यह हमला उस समय हुआ जब दल द्वारा अवैध हाथगाड़ियां जब्त की जा रही थीं। इस हमले में मुसलमान महिलाओं ने भी भाग लिया। हमला करने के साथ-साथ दल की महिलाओं के गले से सोने की चेन छीन ली गई और उनके साथ मारपीट की गई। महिला सहयोगी को बचाने गए अन्य कर्मचारियों के साथ भी मारपीट की गई और उनके मोबाइल फोन छीन लिए गए।
घटनास्थल पर उपस्थित खाद्य निरीक्षक विजेता द्विवेदी की गाड़ी को तोड़ दिया गया। उनके ड्राइवर को गाड़ी से बाहर निकालकर जान से मारने के उद्देश्य से पीटा गया। यह हमला बांग्लादेशी मुसलमानों द्वारा किया गया बताया जा रहा है। शेरू और नदीम समेत कई अन्य लोगों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किया गया है और पुलिस उनकी खोज कर रही है।
लक्ष्मणपुरी की महापौर सुषमा खरकवाल ने पुलिस से कठोर कार्रवाई की मांग की है। महापौर ने दावा किया है कि हमला करने वाले बांग्लादेशी थे। बताया जा रहा है कि इंदिरा नगर पुलिस थाने की सीमा में बांग्लादेशियों ने अवैध रूप से बस्ती बनाई हुई है। इस बस्ती में पानी और बिजली की आपूर्ति भी की जा रही है।
हमले के बाद महापौर ने इस बस्ती की बिजली आपूर्ति काट दी। बुलडोजर मंगवाकर ५० झोपड़ियां गिरा दी गईं। (यह पहले ही क्यों नहीं किया गया? आक्रमण की प्रतिक्षा क्यों किया गया? ऐसे प्रश्न उठते हैं ! – संपादक)
संपादकीय भूमिकाहिंदू-बहुल भारत में बांग्लादेशी मुसलमानों का ऐसा दुस्साहस होना पुलिस और प्रशासन के लिए लज्जास्पद ! |