झारखंड में हिन्दू राष्ट्र जागृति आंदोलन तथा झारखंड एवं उत्तर प्रदेश में निवेदन सौंपा गया !
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – एक ओर हिन्दुओं के मंदिरों का सरकारीकरण कर मंदिरों की संपत्ति सरकार अपने नियंत्रण में ले रही है, तो दूसरी ओर ‘मुसलमानों की धार्मिक संस्था’ द्वारा सरकार एवं नागरिकों की संपत्ति कानून का दुरुपयोग करते हुए हडपना, यह धर्मनिरपेक्षता की संकल्पना पर प्रहार है और असंवैधानिक है । वर्ष १९९५ एवं वर्ष २०१३ में कांग्रेस सरकार ने इस कानून में अन्य सभी धर्मियों की कोई भी संपत्ति वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में घोषित करने के भयानक एवं असीमित अधिकार दिए । वर्ष २००९ में वक्फ बोर्ड के पास ४ लाख एकड भूमि थी, वही भूमि वर्ष २०२३ में अर्थात १४ वर्ष में दुगुनी हो गई है । परिणामतः भारतीय सेना दल एवं भारतीय रेल के उपरांत तीसरी सर्वाधिक भूमि ‘वक्फ बोर्ड’के पास ही है । यदि ऐसे ही चलता रहा, तो कुछ वर्ष में भारत की सर्वाधिक भूमि ‘वक्फ बोर्ड’की होकर भारत में नए पाकिस्तान का निर्माण होगा । इस संकट को देखते हुए सामान्य जनता की भूमि हडपकर ‘लैंड जिहाद’ को प्रोत्साहन देनेवाला अन्यायकारी ‘वक्फ कानून’ तुरंत निरस्त करें, इस मांग हेतु हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से माननीय विधि एवं न्याय मंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन दिया गया । इस समय वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री. अजीत सिंह बग्गा, अधिवक्ता विजय कुमार, वाराणसी व्यापार मंडल के मीडिया प्रभारी डॉ. रमेश दत्त पांडे, वाराणसी युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री. संजय गुप्ता, जिला महिला व्यापार मंडल की अध्यक्ष श्रीमती शालिनी खन्ना, जिला महिला व्यापार मंडल की महामंत्री गुडिया केसरी, वाराणसी युवा व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष श्री. दीप्तिमान देव गुप्ता, श्री. गोपाल पांडे तथा हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. राजन केशरी, सनातन संस्था के श्री. प्रमोद गुप्ता उपस्थित थे ।
वक्फ बोर्ड, यह इस्लामी संस्था होने पर भी उसके सदस्यों को वक्फ कानून के अनुसार सरकारी नौकर माना जाता है । ऐसी सुविधा अन्य धर्मियों को अथवा धार्मिक संस्थाओं के किसी भी सदस्य को नहीं । यह धार्मिक पक्षपात की चरम सीमा है । वक्फ बोर्ड भूमि हडपेगा तो उसका परिवाद वक्फ से ही करना है, छानबीन भी वक्फ ही करेगा और निर्णय भी वक्फ ही देगा ! यहां न्याय सुविधाजनक ढंग से वक्फ बोर्ड के पक्ष में देने की व्यवस्था की गई है । यह न्यायालय के अधिकारों पर प्रहार एवं नागरिकों के मूलभूत संवैधानिक न्याय अधिकार छीन लिए जाने का प्रकार है ।
इस संकट के संदर्भ में निम्न मांगें की गईं :
१. अब तक इस कानून का दुरुपयोग कर जो-जो भूमि वक्फ बोर्ड ने अपनी घोषित की है, वह भूमि उसके वास्तविक मालिक को देने की व्यवस्था की जाए । उस भूमि पर से वक्फ बोर्ड का अधिकार पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया जाए ।
२. देश में ‘समान नागरिक कानून’ लागू कर अल्पसंख्यकों के नाम पर लागू की गई सभी विशेष सुविधाएं, कानून, आयोग, मंडल, शासकीय विभाग समाप्त कर सभी के साथ समान बर्ताव किया जाए ।
जमशेदपुर (झारखंड) – यहां ज्ञापन देने हेतु श्रीमती रंजना वर्मा, अधिवक्ता प्रणीता श्रीवास्तव, सर्वश्री डी. प्रसाद, रवि महाराणा, आलोक पांडे तथा हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सुदामा शर्मा एवं वी.वी. कृष्णा उपस्थित थे ।
धनबाद एवं बोकारो में भी हुआ आंदोलन
धनबाद (झारखंड) – यहां भी इसी विषय पर आंदोलन किया गया । इस आंदोलन में तरुण हिन्दू से सर्वश्री उज्ज्वल बनर्जी, विश्व हिन्दू परिषद से सुनील कुमार, शिव शक्ति मंदिर से पंकज सिंह, आर्य समाज से धीरेंद्र पुरम एवं राजेश बरनवाल, झरिया से निर्मल कजारिया एवं हिन्दू जनजागृति समिति से पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत राज्य समन्वयक शंभू गवारे, समरपाल सिंह एवं अमरजीत प्रसाद सहभागी हुए ।
बोकारो (झारखंड) – बोकारो स्टील सिटी में हुए आंदोलन में बोकारो से हिन्दुत्वनिष्ठ सर्वश्री रंजीत सिंह, राजेश सिंह, अनुरंजन कुमार, मधुसूदन, योगेन्द्र चौधरी एवं हिन्दू जनजागृति समिति से पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत राज्य समन्वयक शंभू गवारे, समरपाल सिंह सहभागी हुए ।